खबर लहरिया Blog एमपी : पंचायत चुनाव से पहले होगा काम, लेकिन उसके बाद और पहले क्या ?

एमपी : पंचायत चुनाव से पहले होगा काम, लेकिन उसके बाद और पहले क्या ?

चुनाव आने पर सारे काम होते हैं और उससे पहले काम के होने का सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। एमपी के इस गाँव का भी कुछ ऐसा ही हाल है। 

मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव आने को है। चुनाव का मतलब है साफ़-सफाई करना। उन चीज़ों को भी चमका देना जहां सालों से धूल पड़ी हो। बेशक़ उस धूल की वजह से पहले कितनी भी परेशानियां हुई हैं, अब वह चुनाव के समय मायने नहीं रखती। ज़रूरी यह रहता है कि चुनाव तक सब पर पर्दा डालकर उन्हें बिलकुल चमका दिया जाए।

ग्रामीण कस्बों में गंदगी और साफ़-सफाई हमेशा से ही मुद्दा बनी रही है। कई योजनाओं के बाद भी ग्रामीण इलाकों में नियमित तौर पर न सफाई होती है और न ही इस ओर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। हम बात कर रहें छतरपुर जिले के ब्लॉक छतरपुर के ग्राम नरसिंहगढ़ पुरवा गांव की, जहां गंदगी ने हद ही कर दी है।

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कूड़ा फेंकनें की नहीं है सुविधा

जिला छतरपुर के ग्राम‌‌ नरसिंहगढ़ पुरवा में कचड़ा गाड़ी नहीं आती जिससे लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। गांव वालों का आरोप है कि उन लोगों को घर का कचड़ा सड़क पर ही फेंकना पड़ता है।

सुनीता अहिरवार का आरोप है कि सारे गांव वाले उनके ही दरवाजे के सामने कचड़ा फेंक जाते हैं। गंदगी इस कदर रहती है कि मच्छर भी पनप जाते हैं लेकिन क्या करें कचड़ा गाड़ी नहीं आती तो कचरा घर में जमा करके क्या करेंगे इसलिए वह लोग घर के सामने ही कचड़ा फेंकते हैं।

वह आगे कहती हैं कि पहले जब चुनाव हुए थे तो उसके दो-तीन महीने कचड़ा गाड़ी आई। अब 2 साल हो गए हैं जब से कचड़ा गाड़ी नहीं आ रही है। उन लोगों ने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बारिश होती है तो कचड़ा पूरे गांव में फ़ैल जाता है। हर जगह बदबू आती है और बिमारियों का भी डर बना रहता है।

होगा समस्या का समाधान – नगरपालिका के सीएमओ

खबर लहरिया ने इस बारे में नगरपालिका के सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया से बात की। उनका कहना था कि अभी दो महीने पहले ही छतरपुर जिले के सांसद डॉ. वीरेंद्र खटीक ने तीन कचड़ा गाड़ियों का बंदोबस्त किया है। जहां-जहां पर गाड़ी नहीं जाती थी वहां अब कचरा गाड़ी जाने लगी है। कचड़ा गाड़ी दो टाइम जायेगी और लोगों को भी कचड़ा कूड़ा गाड़ी में ही फेंकने को कहा जाएगा।

इसके साथ ही गाड़ियों में डस्टबिन भी दिए जाएंगे। जिन-जिन गाँवों में डस्टबिन नहीं है उनके वहां डस्टबिन पहुंचाए जाएंगे ताकि वह लोग कचड़ा डस्टबिन में डालें जिससे गांव में गंदगी ना फैले। वैसे भी स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है कि अपने गांव को स्वच्छ रखें और साफ सुथरा रखें।

उन्होंने आगे कहा, पंचायती चुनाव से पहले हर गांव में डस्टबिन लगा दिए जाएंगे। वह यह भी कहते हैं कि लोग गंदगी खुद ही मचाते हैं। उन लोगों को डस्टबिन में कचड़ा डालना चाहिए। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि जल्द से जल्द जहां भी यह समस्या है उसका निराकरण किया जाएगा।

आपको बता दें, एमपी में इस समय पंचायती चुनाव की नामांकन प्रक्रिया चल रही है। साथ ही सीएमओ का यह कहना कि चुनाव से पहले काम हो जाएगा। साफ़ तौर पर यही दर्शाता है कि काम पूरा करवाना सिर्फ चुनाव के लिए वोट बटोरना है। इसका संबंध लोगों की समस्याओं के समाधान करने से जुड़ा हुआ नहीं है।

इस खबर की रिपोर्टिंग अलीमा द्वारा की गयी है।

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