चीन में कोरोना वायरस के हमले से दुनिया भर में मशहूर है। जिला वाराणसी में बनारसी सिल्क सारी वस्त्र उधोग संकट में है फैक्टरीया बदं होने से उत्पादन घटने के कारण चीन ने 10.फरवरी तक रेशम सिल्क नियात रोक लगा दी हैक्या वाराणसी भी हुई कोरोना वायरस की शिकार?
चीन में फैले कोरोना वायरस को देखते हुए चीन से आने वाले सिल्क पर 10 फरवरी तक के लिए रोक लगा दी गई है. आपको पता होगा वाराणसी बनारसी साड़ी के लये मशहूर है. इसके लिए 30 प्रतिशत कच्चा माल ( सिल्क ) चीन से ही आता है. इस से बनारस के लगभग 7 लाख से ज्यादा परिवारो की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. वाराणसी में करीब 50 हजार हथकरघा चलता है इसके लिए 1500 टन सिल्क आयात( चीन से मंगाया जाता है) किया जाता है.
इस से बनारस के लगभग लाखो से ज्यादापरिवारो की रोटी रोजी पर सकट खडा होगया है और यहा एक लाख से अधिक बनारसी साडी से जुड़े बुनकर है । यहा के हशपाल कपूर यह लोगों का कहना है कि अगर यदि प्रतिबंध और आगे बढाया गया तो प्रतिमाह लगभग दो करोड रुपये के आडर प्रभावित होना तय है । और कुछ लोगों का कहना है कि जो इस बार रेशम सिल्क पर रोक लगा है तो इस से हम लोगों पर बहुत बडा असर पडा है जो लोग रखे हैं वह लोग तो अपनी काम को कर लेगे लेकिन हम लोगो पर इसी तरह रहा तो परिवार चलाना बहुत मुश्किल होगा और जो पहले से बुनकर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और आज तक पुरा परिवार करता है तो खाने भर के कमानही पाता है लगभग लाखो से ज्यादा लोग परोक्ष अपरोक्ष रुप से इससे जुड़े हैं कोरोना वायरस के चतले चीन से सिल्क आना बदं हो गया है यदि इसकी जल्द काट नहीं ढूढा गई तो साडी उघोग को नुकसान तय है एक माह बाद होली है