खबर लहरिया चित्रकूट आधार और असुविधा बायोमेट्रिक तकनीक का सच

आधार और असुविधा बायोमेट्रिक तकनीक का सच

(आधार और असुविधा)

8 नवम्वर 2018, जिला चित्रकूट, hindi news

सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश ने आधार कार्ड पर कई सीमाएं लगाईं हैं। पर आधार लाभकारी योजनाओं के लिए अभी भी अनिवार्य है।

आधार के सत्यापन के लिए बायोमेट्रिक (यानी शरीर के निशान) इस्तेमाल किये जाते हैं। निशानों के होने न होने से रोज़ मर्रह का जीवन प्रभावित होता है। दुरूपयोग रोकने का दावा करने वाली ये तकनीक क्या इस देश के आम नागरिकों की समस्याएँ समझती है?

आधार ना होने की वजह से लोगों के खाते नहीं खुल पाते हैं और ना ही उन्हें राशन की सुविधा प्राप्त होती है। आधार बनाने में जो बायोमेट्रिक तकनीक चुनी जाती है उसके चलते कई कठिनाइयाँ आती हैं।

ग्रामीण स्तरों पर इनके उपायों के बारे में कोई जागरूकता नहीं है। आधार ज़रूरी है पर क्या एक मजदूर को उसकी मेहनत की कमाई का राशन मिलना ज़रूरी नहीं है?