जिला ललितपुर ब्लाकं मडावरा स्वास्थ्य केन्द्र मे कोई सुविधाएं नहीं है। यहाँ पर जो गर्भवती आती है तो तीन दिन रुकने का नियम है पर ऐसा नही है क्योंकि यहा पर पानी और बिजली की सुविधाएं नहीं है। मछर काटते है और कही प्रकार की बिमारी भी फैल सकती है। जो १०२ नम्बर चलाई है तो यहा पर गांव वालो को यह सुविधाएं नहीं मिल रही है। जो शिशु के द्वोरान गर्भवती से छः सौ रुपया भी लिया है तो उनका कहना है , “जब हम लोगों यहा पर पैसे देगे तो सरकारी अस्पताल मे क्यों आयेगे, फिर तो हम प्राइवेट मे भी करा सकते है। ” कहते है की सरकारी अस्पताल मे पैसा नहीं लिया जाता है पर यहा पर तो लिया जा रहा है। जो भी गर्भवती आती है तो जिसके पास जो भी साधन होता है तो उसी साधन से आ जाती है। जैसे मोटरसाइकिल और टैक्सी और कार तो जिसके पास होता है तो लेकर आ जाते है और जिसके पास नहीं होता है तो किराया लगाकर लेकर आती है तब अस्पताल मे आ पाते है। तो उतना ही पैसा किराया मे देने पडता है और उतना ही अस्पताल मे लिया जा रहा है। तो जब हम लोगों को ऐसे लगता है की जितना ही पैसा लिया जा रहा तो लग जाने दो पर यहा डिलेवरी तो हो जाये। हम लोगों मजबूर होकर पैसे देने पडते.है। अगर जिसके पास है तो लोग दे देते है पर जो मजदूरी करता है तो उसे बहुत दिक्कत का सामना करने पडता है