खबर लहरिया जिला प्रयागराज: “आज अगर गोल्डन कार्ड बना होता तो शायद माँ की जान बच जाती”

प्रयागराज: “आज अगर गोल्डन कार्ड बना होता तो शायद माँ की जान बच जाती”

जिला प्रयागराज के ब्लॉक शंकरगढ़ के गाँव गाढ़ाकटरा के मजरा गुलराहाई में लगभग 75 परसेन्ट लोगों का गोल्डन कार्ड नहीं बना है। गाँव के ज़्यादातर लोग मज़दूरी करके कमाते हैं और तबयत बिगड़ने पर इनके पास इतने पैसे नहीं होते कि ढंग से अपना इलाज करा पाएं।

गाँव में सिर्फ 25-30 लोगों के पास ही आयुष्मान गोल्डन कार्ड है और गाँव में कई लोग कैंसर, टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ये लोग इलाज कराने सरकारी अस्पताल जाते हैं लेकिन वहां भी सही इलाज नहीं मिल पाता।

प्रयागराज न्यूज़ : गोल्डन कार्ड न होने से आर्थिक रूप से कमज़ोर लोग नहीं करा पा रहें इलाज

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं के बारे में पता ही नहीं चल पाता जो वो उसका लाभ उठा पाएं। इसी गाँव की रहने वाली कलावती देवी बताती हैं कि उनकी माँ पेट की गंभीर समस्या से जूझ रही थीं जिसके ऑपरेशन के लिए डॉक्टर ने लाखों का खर्च बताया था। पैसों की कमी के चलते वो लोग इलाज करा पाने में असफल रहे और उनकी माँ ने दम तोड़ दिया। कलावती का कहना है कि अगर आज उन लोगों के पास गोल्डन कार्ड होता तो शायद उनकी जान बच जाती।

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गाँव में कई ऐसे लोग हैं जो भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना से वंचित हैं। आशाबहू सरोज सिंह का कहना है की गाँव के कुछ लोग अभी छूट गये लेकिन उनका गोल्डन कार्ड जल्द ही बनवा दिया जायेगा।

शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि पूरे शंकरगढ़ ब्लाक के अन्दर लगभग बीस हजार गोल्डन कार्ड बने हैं। जो अभी बाकी हैं उनके लिए बनवाये जाने की प्रक्रिया भी चल रही है।

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