खबर लहरिया Blog मौसम के कहर से खेती पर असर

मौसम के कहर से खेती पर असर

उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड खेती किसानी के मामले में बहुत ही पिछड़ा और जंगली एरिया माना जाता है| यह का खेती किसानी का स्टार बहुत ही पिछड़ा है  क्योंकि यहाँ का किसान लगभग एक दसक से मौसम कि मार झेल रहा है| जैसे कि इस समय भी मौसम, ओले और बारिश ने किसानो की सांसे थाम दी है| जिसके कारण दलहनी फसलों में चढ़ने वाला फूलों  का बहुत  नुकसान हो रहा है तो वही दुसरी तरफ धान के खेतों में होने वाली दुसरी फसल गेंहू की पिछड रही है| जिससे उसके पैदावार में बहुत ही प्रभाव पडेगा|

किसानों का कहना है कि खेती किसानी के इस नुकसान के कारण किसानी दिन प्रति दिन गिरता चला ज रहा है| इस साल समय से अच्छी बारिश हो गई थी| जिससे उनको बहुत उम्मीद थी कि अच्छी फसल कि पैदावार होगी तो बे मौसम बारिश और बडे-बडे पत्थर गिरने से ननुकसान हो रहा है| जिससे चना, मसुर, मटर और अरहर जैसी दलहनी फसलों में जोरों पर लगने वाला फुल गिर रहा है और जुस खेतो में बोया था वह धान भी बारिश और पत्थर गिरने के कारण बहुत से किसानो कि खरही में लगा धान जाम रहा है तो बहुत से किसानो का कटा हुआ खेतो में पडे सड कर जाम रहा है और उन धनहा खेतों में बारिश और के कारण जोत नहीं आ रही इसके कारण गेंहू कि बोवाई का समय बहुत ही पिछल रहा है| जिससे वह फसलों भी नहीं ठीक से पैदा होगी क्योंकि इस समय दलहन फसल और धनहा खेतो को धुप की जरूरत है| लेकिन मौसम ठीक होने का नाम ही नही ले रहा आए दीन कोहरा और बारिश का प्रकोप होने लगता है| अगर ठीक से धुप निकलने लगे तो हो सकता है कि बचाव हो सकता है नहीं तो मुश्किल हो जाएगी|

 

-रिपोर्टर गीता देवी