आजकल कानून व्यवस्था की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं क्योंकि पुलिस के इतने चुस्त होने के बाद भी मारपीट और हत्या जैसे मामले दिन पे दिन बढ़ते जा रहे है| लेकिन उन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस के हांथ अधिकतर खाली नजर आते हैं| जैसे कि हाल ही में बांदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पौहार मजरा जमुनिहापुरवा| वहां पर 12 जनवरी की रात एक एक किसान को मार-मार कर मौत के घाट उतार दिया|
लेकिन दो दिन बाद भी अभी पुलिस के हाथ खाली हैं| ऐसी कानून व्यवस्था होने के बाद भी जबकि उस किसान कि हत्या के बाद से ही प्रधान के घर में तालाबंदी है और आरोपी फरार है| लेकिन अभी तक कोई भी नामजद आरोपी नहीं पकडा़ गया| किसान ओमदत्त कि हत्या के बाद से ही पूर गांव में अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है, गांव के लोग अभी भी दहसत में हैं और आज भी तनाव कि स्थित बनी है| जीसके चलते 14 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह बदौसा थानाध्याक्ष नरेश कुमार प्रजापति और अतर्रा थानाध्याक्ष रवींद्र तीवारी सहित पूलिस कि मौजुदगी में उस मृतक किसान का अंतिम संस्कार हुआ|
घटना के बाद से ही प्रधान के घर में तालाबंदी और पुलिस उनकी खोज और गिरफ्तारी के लिए संबधित जगहों पर लगातार दबिश दे रही है| लेकिन सवाल ये उठता है कि दो दिन बाद भी पुलिस के हांथ क्यों खाली है| मृतक ओमदत्त,प्रधान पति का ही चचेरा भाई था तो इसके पहले भी उनका विवाद हुआ होगा और मामला भी पुलिस में गया होगा,तो क्यों नहीं पुलिस ने कोई ठोस कदम उठाया| जिसके चलते ओमदत्त को अपनी जिन्दगी गवानी पडी़| अब क्या उस परिवार को न्याय मिल पाएगा| फरार चल रहे परिवार को पुलिस खोज पाएगी| य फिर जांच पड़ताल और गिरफ्तारी के लिए ही ये मामला महीनो लटका रहेगा और पीडित परिवार रोता-बिलखता रहे गा|