हेलो दोस्तों, मैं हूं मीरा देवी। खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति, रस, राय में आपका बहुत बहुत स्वागत है। आइये इस बार चर्चा करें मिशन शक्ति अभियान को लेकर जिसके बल पर हमारी सरकारें महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और लोकतांत्रिक रूप में शसक्त करने का दावा करती हैं। आखिकार मैंने इसके पीछे हो रही राजनीति को ढूढ ही निकाला है। जानकारी के तौर पर बता दूं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नवरात्र पर पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान की शुरूआत की।
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यह अगले नवरात्र (6 माह) तक चलेगा। बांदा में 17 नवम्बर को इसकी शुरुआत कृषि राज्यमंत्री व जिला प्रभारी लाखन सिंह राजपूत ने की। अब बारी आ गई मिशन शक्ति की। यही रूप बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का भी है। एक ही अच्छे से काम नहीं कर पा रही। बहुत सारे सवाल उठ रहे है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर। बहुत लोग पूंछ रहे हैं कितनी बेटियां पढ़ी हैं और कितनी बच पा रही हैं। अब आ गया मिशन शक्ति अभियान, कितना और किस तरह लाभ मिल पायेगा महिलाओं को इस योजना से।
हालांकि मिशन शक्ति अभियान के तहत नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन शामिल किया गया है। रिपोर्टिंग के दौरान हम कुछ ऐसी महिलाओं से मिले जिनके बीच अधिकारियों ने मिशन शक्ति को लेकर मीटिंग की थी। पैलानी क्षेत्र की लगभग दस महिलाओं से हमने इंटरव्यू किए। महिलाओं ने बताया कि दो बार मीटिंग में गए हैं। दो से तीन घण्टे तक बैठाए रहे फिर आधे घण्टे भाषण देते रहे। कहा आचार बनाओ पापड़ बनाओ। कहां से बनाएं जब मैटेरियल के लिए पैसे नहीं हैं।
पहले मैटेरियल के लिए पैसे मिलें तब तो बनाएं। पैलानी तहसील में मिशन शक्ति अभियान की प्रभारी निधि गुप्ता जो लेखपाल है। वह उस दिन मिशन शक्ति के हेल्प डेस्क में नहीं थी। फोन कॉल करने पर पता चला वह छुट्टी में हैं। बिना कुछ पूंछे ही उन्होंने बताना शुरू किया कि वह हर रोज हेल्प डेस्क में नहीं बैठ सकती। उनका लेखपाल पद का काम है उसके लिए उनका हर रोज का काम होता है। बात तो ठीक है मतलब महिलाओं की मिशन शक्ति और महिलाएं ही जानें और खुद जिम्मेदारी लें।
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मिशन शक्ति अभियान के लिए अध्यक्ष बनाई गईं देवकली निषाद कहती हैं कि वह चाहती हैं कि महिलाओं को होने वाली समस्याओं का निपटारा वह करें लेकिन महिलाएं उनके पास नहीं सीधे पुलिस के पास चली जाएंगी। उनको अभी मिशन शक्ति क्या है इसके प्रति जागरूक करने की बहुत जरूरत है। इस मामले पर थाना प्रभारी पैलानी और एसडीएम पैलानी का कहना है कि जब से यह योजना के प्रति काम होने लगा तब से महिलाओं की समस्याओं पर प्राथमिक तौर पर तबज्जो दी जाने लगी। पैलानी थाना के महिला हेल्प डेस्क से मिले आंकड़े 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर तक में कुल 33 मामले दर्ज हुए थे जिसमें 32 का निपटारा हो गया था।
अजब गजब बात यह रही कि सभी मामले धारा 323 और 504 आईपीसी के तहत ही दर्ज थे। जबकि आय दिन गम्भीर घटनाएं आती रहती हैं। साथियों इन्हीं विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा, अगली बार फिर आउंगी एक नए मुद्दे के साथ। अगर ये चर्चा पसन्द आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। लाइक और कमेंट करें। अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। बेल आइकॉन दबाना बिल्कुल न भूलें ताकि सबसे पहले हर वीडियो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे। अभी के लिए बस इतना ही, सबको नमस्कार!