छतरपुर जिले में जब एक महिला अपनी परेशानी बताने जिला कलेक्टर ऑफिस पहुंची तो महिला की बात सुने बिना ही जिला अधिकारियों ने गुस्से में उसे बाहर निकाल दिया। महिला का आरोप है कि वह एक दूर के गांव में टीचर है। स्कूल दूर होने की वजह से उसे आने-जाने में दिक्कत होती है। स्कूल ट्रांसफर करवाने के लिए वह कलेक्टर ऑफिस गयी थी।
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महिला आरोप लगाते हुए यह भी कहती है कि, ‘इन लोगों ने मेरा ट्रांसफर जान बूझकर इतनी दूर करवा दिया है। वह कहती है कि मैं एक विधवा महिला हूं। 3 महीने का पेट में था बच्चा था जब उसका पति की मृत्यु हो गई थी वह कहती है कि मेरा बच्चा डेढ़ साल का था मैं तब से टीचिंग करके अपने घर का भरण पोषण कर रही हूँ। एक बार मेरे साथ कुछ लोगों ने मारपीट भी की थी और मैंने इसकी सूचना भी की थी l मैं यहां पर पहली बार आई हूं कि शायद मेरी सुनवाई हो जाए लेकिन यहां के अधिकारियों ने मुझे पुलिस के ज़रिए बाहर फेंकवा दिया।
जब हमने इस बारे में कलेक्टर सीलन सिंह से बात की तो उनका कहना था कि महिला यहां पर बहुत ज़्यादा तमाशा मचा रही थी इसलिए हम लोगों ने मजबूर होकर उसको बाहर निकाला।
वहीं यूसी मेहरा एसडीएम का कहना है कि ट्रांसफर जिसका जहां रहता है उसको वहीं रहना पड़ता है इस तरीके से ट्रांसफर नहीं बदला जाता।
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