खबर लहरिया Blog राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, 22 साल पहले आज ही हुआ था पोखरण परमाणु परीक्षण

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, 22 साल पहले आज ही हुआ था पोखरण परमाणु परीक्षण

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, 22 साल पहले आज ही हुआ था पोखरण परमाणु परीक्षण :भारत में हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि यह दिवस भारत की विज्ञान में क्षमता और प्रौद्योगिकी यानी टेक्नालॉजी में विकास को दर्शाता है. इस दिन राष्ट्र गर्व के साथ-साथ अपने वैज्ञानिको की उपलब्धियों को भी याद किया जाता है. ये दिवस हमें पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण (टेस्ट ) की भी याद दिलाता है.

आपको याद होगा के ये दिवस राजस्थान के पोखरण में 11 से 13 मई 1998 तक आयोजित ऑपरेशन शक्ति (पोखरण -2) परमाणु परीक्षण के पांच परमाणु परीक्षणों में से पहले परीक्षण की याद में हर वर्ष मनाया जाता है। ऑपरेशन का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था, जो तब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के निदेशक थे। पोखरण -2 के हिस्से के रूप में परमाणु परीक्षण करने के बाद, भारत को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा परमाणु राज्य घोषित किया गया था, जिसने भारत को राष्ट्रों के परमाणु क्लब में शामिल होने वाला छठा राष्ट्र तथा परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से नहीं जुड़ने वाला पहला देश बनाया । इस दिन भारत में बने देश के पहले एयरक्राफ्ट हंस 3 ने 11 मई को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था. भारत में बना त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी 11 मई को हुआ था. इसलिए भारत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस प्रत्येक साल मनाता है. यह दिवस हमारी ताकत, कमज़ोरियों, लक्ष्य के विचार मंथन के लिये मनाया जाता है, जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मंन हमें देश की दशा और दिशा का सही ज्ञान हो सके। प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान मंत्रालय के द्वारा उनके विभाग में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं. इस दिवस को तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक जांच, उद्योग और विज्ञान की क्षमता में किये गये प्रयास का प्रतीक माना जाता है.

इस दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर पूरे देश को बधाई दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा कि “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हमारा राष्ट्र उन सभी को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं। हमें 1998 में इस दिन हमारे वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि याद है। यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था”.