23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ रहे हैं। पहली बार अयोध्या में 23 अक्टूबर को छोटी दीवाली के दिन अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा।
अयोध्या में इस बार छठवां दीपोत्सव मनाया जाएगा इस बार का दीपोत्सव एक खास दीपोत्सव होगा। 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ रहे हैं। पहली बार अयोध्या में 23 अक्टूबर को छोटी दीवाली के दिन अयोध्या में भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही हैं। इस बार की भव्य दीपावली में पिछली बार का भी रिकॉर्ड तोड़ा जाएगा। इस बार 17 लाख दीए जलाए जाएंगे जो अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा।
दिवाली तो एक बहाना है इसके पीछे राजनीति चमकाना है
2024 में लोकसभा का चुनाव है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अयोध्या धर्म नगरी से अपनी राजनीतिक तैयारियों को लेकर भाषण देना कहीं ना कहीं राजनीतिक सियासत लग रही है। एक तरफ नरेंद्र मोदी के आने में इतनी सुरक्षा व्यवस्था की गई है तो दूसरी तरफ अयोध्या के रहने वाले व्यापारियों का व्यापार ही ठप हो गया है। एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ अयोध्या के व्यापारियों का व्यापार ठप होने से निराशा देखी जा रही है।
दिवाली में निकाला जा रहा दिवाला
सुरेश कुमार जो बर्तन के व्यापारी हैं। इनकी बर्तन और मूर्तियों की दुकान है। उनका कहना है इस बार दीपोत्सव में नरेंद्र मोदी के आने से शासन व्यवस्था बहुत ही टाइट कर दिया गया है जिसकी वजह से हम व्यापारियों की दुकानें बंद हो गई है, क्योंकि इस बार ज्यादा दीए जलाकर पिछली बार का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा जायेगा। ज्यादा दीए जलाना मतलब लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। और सुरक्षाकर्मियों की भी संख्या ज्यादा होने के कारण यहां की दुकानें बंद कर दी गई है जिससे हम लोगों का व्यापार ठप हो गया है। कोई भी त्यौहार हो दिवाली, होली पर ही हम लोगों को आशा रहती है और इससे हमारा जो व्यापार होता है उससे हमें दो चार पैसे मिल जाते हैं लेकिन इस दिवाली में हम लोगों का दिवाला ही निकला जा रहा है।
संजय कुमार गुप्ता का कहना है कि दीपोत्सव मनाना बहुत अच्छी बात है लेकिन इससे हम लोगों के व्यापार पर बहुत इफेक्ट पड़ता है। जब दुकानें अच्छी चलती हैं तभी 2 दिन 3 दिन के लिए दुकानें भी बंद करा दी जाती है जिससे हमारा काफी नुकसान होता है।
दीपोत्सव से नाराज़ हैं आम नागरिक
अयोध्या जहां की दिवाली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। वहीं यहां के लोग इससे निराश हैं। कहीं खुशी कहीं गम वाला माहौल रहता है। लोगों का आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव तो बहुत धूमधाम से मनाते हैं। काफी बजट भी खर्च होता है लेकिन ऐसे दीपोत्सव का क्या फायदा जिसमें आम नागरिक प्रवेश भी ना कर पाये।
इस खबर की रिपोर्टिंग कुमकुम द्वारा की गयी है।
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