खबर लहरिया कोरोना वायरस पीएम केयर फण्ड : सरकारी या निजी?

पीएम केयर फण्ड : सरकारी या निजी?

प्रधानमंत्री केयर फण्ड का 16 पन्नों का न्याय लेख कहता है कि सरकार का पीएम केयर ट्रस्ट पर कोई नियंत्रण और हस्तक्षेप नहीं होगा। पीएम केयर ट्रस्ट को हाल ही में सार्वजनिक किया गया है। इससे पहले किसी भी व्यक्ति को पीएम केयर फण्ड से संबंधित जानकारी लेने की इजाज़त नहीं थी।

इस दिन किया गया था पीएम केयर ट्रस्ट का गठन

PM Care Fund: Government or Private?

16 पन्नों के पीएम केयर ट्रस्ट को 27 मार्च, 2020 को दिल्ली के राजस्व विभाग के साथ पंजीकृत किया गया था।  इस दौरान यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री सहित गृह मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री पीएम केयर ट्रस्ट के ट्रस्टीज़ के रूप में कार्यभार संभालेंगे। लेकिन फंड की वेबसाइट पर ट्रस्ट को सरकारी ट्रस्ट के रूप में परिभाषित नहीं किया गया।

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क्या कहता है ट्रस्ट

ट्रस्ट लेख के बिंदु 5.3 में कहा गया कि ट्रस्ट पर केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकारों का कोई भी नियंत्रण नहीं होगा। ट्रस्ट के कामकाज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भी सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी।

साथ ही ट्रस्ट के न्याय लेख में यह भी कहा गया किट्रस्टी ट्रस्ट की संपत्ति, ट्रस्ट के अधिशेष धन और ऐसी प्रतिभूतियों, संपत्ति और बैंक जमा में निवेश की आवश्यकता वाले किसी भी अन्य धन का निवेश करने के लिए स्वतंत्रतबहोगा इसके अलावा, ट्रस्टी समयसमय पर निवेश को बदल सकते हैं, अलगअलग कर सकते हैं या स्थानांतरित कर सकते हैं।

ट्रस्ट की संपत्ति का उपयोग पीएम द्वारा किसी भी महामारी या सार्वजनिक स्वास्थ्य या अन्य आपातकालीन, आपदा या संकट के संबंध में घोषित योजनाओं के लिए किया जा सकता है।

यह है कॉर्पोरेट सामाजिक रेस्पांसिबिलिटी का कहना

27 मार्च को पीएम केयर ट्रस्ट को पंजीकृत करने के बाद अगले दिन 28 मार्च को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कॉर्पोरेट दान प्राप्त करने के लिए एक कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के पहल के रूप मे पीएम केयर को योग्य बनाने वाला एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया था। कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी में एकत्रित धन को समाज के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

कंपनी अधिनियम कॉर्पोरेट दान के लिए पात्रता को परिभाषित करते हुए बताती है किप्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष या केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा सामाजिकआर्थिक विकास और राहत और अनुसूचित जाति के कल्याण, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिएलोग मदद के लिए अपना योगदान दे सकते हैं।

पीएम केयर फण्ड की आरटीआई रिपोर्ट

कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज द्वारा पीएम केयर फण्ड के बारे में जानकारी के लिए की गई आरटीआई ( सूचना का अधिकार) से इस बात का खुलासा हुआ कि पीएम केयर ट्रस्ट, सरकार द्वारा संचालित नहीं था। इसलिए पीएम केयर फण्ड कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी दान के लिए पात्र नहीं है। साथ ही पीएम केयर फण्ड कॉर्पोरेट दान प्राप्त करने वाली निजी संस्था के रूप में सामने आया। 

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कांग्रेस ने पीएम केयर ट्रस्ट को लेकर सरकार पर साधा निशाना

16 दिसंबर को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्तता रणदीप सुरजेवाला सरकार पर निशाना साधते हैं और सरकार से विदेशों से प्राप्त फण्ड का हिसाब मांगते हैं। वह कहते हैं कि फण्ड को जवाबदेह और सार्वजनिक बनाया जाना चाहिए। 

वह ट्वीट करते हुए सरकार पर सवाल उठाते हैं और कहते हैं किविदेशी फण्डचीन, पाकिस्तान और कतर से लेकर #पीएमकेयरफण्ड तक, पेचीदा मामला

फण्ड पहलेसार्वजनिक प्राधिकरणक्यों नहीं था?

फण्ड को कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत क्यों नहीं रखा गया और जब विदेशों से धन प्राप्त किया गया तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?”

पूर्व वित्त मंत्री ने भी पीएम केयर फण्ड को लेकर किया ट्वीट

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 20 अगस्त को एक ट्वीट में सवाल उठाया था किअगर केंद्र सरकार द्वारा फण्ड की स्थापना नहीं की गई तो प्रधानमंत्री और अन्य तीन मंत्री ट्रस्टी के रूप में क्यों काम कर रहे हैं?

अगर फंड निजी स्थापित फंड है तो उसे कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी फण्ड में क्यों गिना जा रहा है?

पीएम केयर्स फण्ड या प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति कोष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2020 मेंकोरोनोवायरस महामारी जैसी आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थितियों से निपटनेके लिए स्थापित की गई थी। जिसमें देश और देश के बाहर से कई लोगों ने धन के रूप में पीएम केयर फण्ड में अपना योगदान दिया था। 

लेकिन अब पीएम केयर फण्ड के निजी और सरकारी होने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जब से पीएम केयर ट्रस्ट की शुरुआत हुई, कई लोगों द्वारा सरकार से इसकी जानकारी मांगी गई। लेकिन हर बार लोगों की अपील को खारिज़ कर दिया गया। यह कहकर कि इसकी जानकारी लोगों को नहीं दी जा सकती। अगर ट्रस्ट सरकारी है तो जानकारी क्यों नहीं दी जा रही? अभी भी यह बात पूरी तरह से साफ़ नहीं हुई है कि ट्रस्ट कितना सार्वजनिक और निजी है।

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