ज़बरदस्त आंधी-तूफ़ान आने के बाद जिले में पेड़-पौधे टूटकर हवा में उड़ते नज़र आ रहे हैं। इसी बीच घरों से बिजली भी कट गयी है।
जिला बांदा| जहाँ एक तरफ 18 मई की शाम से रिमझिम बारिश होने से मौसम सुहाना हुआ। वहीं दूसरी तरफ 19 मई को दोपहर जोरदार आंधी तूफान के साथ बारिश होने के कारण बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप्प हो गयी। लेकिन इसके साथ ही लोगों के घरों और पेड़ पौधों का भी भारी नुकसान हुआ है। मेरे देखते ही देखते मेरे घर सहित आसपास के घरों के तीन और 56 गेंदों के पौधे हवा में उड़ रहे थे। आसपास जो पेड़ लगे हुए थे। वह ऐसे गिर रहे थे जैसे मानो कोई पतंग टूट कर गिर रही हो। इस भयानक आंधी तूफान के साथ हो रही बारिश से जितना मौसम ठंडा हो रहा था। उतना ही अंदर डर भी लग रहा था कि कहीं कोई बड़ी घटना न हो जाए। इसी आंधी तूफान के चलते कल यानी 19 मई से अभी तक नरैनी कस्बे सहित आसपास के पूरे क्षेत्र में लाइट नहीं है|
लोगों का कहना है कि इस तरह का भीषण बदलाव उन्होंने बहुत ही दिनों के बाद देखा है। इस आंधी तूफान में लोगों के कच्चे घरों,टीन, टप्पर यहां तक की लोगों की पक्की दीवारें भी धराशायी हो गई है। जब से यह तूफान आया तब से लाइट बिलकुल गायब हो गई है। जिससे लोगों के घरों में अंधेरा छाया हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो लोगों का मुख्य साधन रहता है। जिसके बगैर लोगों को एक मिनट भी आज के समय में मुश्किल पड़ रहा है। वह एक डिब्बे के तरह कोने में पड़ा हुआ है। कई सिमों के तो नेटवर्क चले गए। जैसे अगर मैं बात करूं बीएसएनल की तो वह पूरी तरह से धड़ाम हो गया है। इससे लोग काफी परेशान हैं और लोगों की एक दूसरे से बातें नहीं हो पा रही हैं। काम भी नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए लोग बार-बार बिजली विभाग में फोन कर रहे हैं। चक्कर लगा रहे हैं कि आखिर लाइट कब सही होगी और कब आएगी।
कई लोगों का कहना है कि इस तूफान ने उन लोगों का बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचाया है। किसी तरह वह टीन टप्पर डाल कर गुजारा कर रहे थे। अब वह भी उड़ गए हैं। इस अचानक सी आई आंधी तूफान और बारिश ने सब तहस-नहस कर दिया है। लोगों का यह भी कहना है कि इस समय आम का मौसम चल रहा है। इस साल मई से भी ज्यादा आम नहीं आया लेकिन जो भी आया है बहुत अच्छे से गुछे में लटका हुआ सुन्दर लग रहा था। उन लोगो को उम्मीद थी कि इससे चार पैसे मिलेंगे। इसलिए वह पेड़ की रखवाली कर रहे थे। लेकिन इस तूफान ने उनको भी तहस-नहस कर दिया। पूरे आम झड़ गए और बर्बाद हो गए। कई पेड़ टूट गए जिससे लोगों में काफी मायूसी भी है। लेकिन जहां इस बात की लोगों को मायूसी है। वहीं सबसे ज्यादा मायूस फोन चलाने वाले हैं क्योंकि उनको कल से कुछ भी देखने और सुनने को नहीं मिल रहा है। लोगों के घरों में इतनी ज्यादा सुविधाएं नहीं है कि वह चार्ज कर सके। इसलिए उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि जल्द से जल्द लाइट आ जाए।
बिजली विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि कल जितनी देर तूफान खत्म हुआ। उस समय से ही वह लाइट ठीक करने में लग गए थे और आज भी लगे हुए हैं। उम्मीद है कि रात 10:00 से 12:00 बजे तक लाइट आ सकती है लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।
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