खबर लहरिया National यूपी में अब से भौतिक स्टाम्प पेपर मान्य नहीं, ना होगी बिक्री

यूपी में अब से भौतिक स्टाम्प पेपर मान्य नहीं, ना होगी बिक्री

 

इस साल के वित्तीय बजट सत्र के दैरान यह घोषणा की गयी कि यूपी में अब से भौतिक स्टाम्प पेपर मान्य नहीं होंगे। ना ही उसकी बिक्री होगी। जिला चित्रकूट ब्लॉक कर्वी के स्टाम्प बेचने वाले मुंशी का कहना है कि वह पहले से ही लाइसेंस बनाने का काम कर रहे। जो की खेती बैनामा,बच्चों की मार्कशीट और कई चीज़ों में काम आता था। सरकार द्वारा लागू किए गए नए नियम के अनुसार ई-स्टाम्पिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इससे छोटे दुकानदारों का भी रोज़गार छिन गया है जो स्टाम्प बेचने का काम करते थें।

Physical stamp paper will not be valid in UP from now

स्टांप और पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल का कहना है कि भौतिक स्टांप पेपर न मिलने से किसी को परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने 10 हजार कंप्यूटर दक्ष युवक और युवतियों को ई-स्टांपिंग के लिए प्राधिकृत संग्रह केंद्र (एसीसी) के तौर पर स्टांप विक्रेता नियुक्त करने का फैसला किया है। इस संबंध में महानिरीक्षक निबंधन मिनिस्ती एस. की ओर से सभी जिलों को इस चीज़ के लिए आदेश भी दे दिया गया है।

Physical stamp paper will not be valid in UP from now

पहले से जो स्टांप बेचने वाले थे, उन्हें भी अब स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के ज़रिए से किसी भी कीमत तक की ई-स्टांपिंग के लिए चयनित किया गया है। सभी को कमीशन के तौर पर 0.5 फीसद का 0.23 प्रतिशत यानी एक लाख रुपये की ई-स्टांपिंग पर 115 रुपये मिलेंगे। विभागीय प्रमुख सचिव वीणा कुमारी मीणा ने बताया कि स्टांप पेपर न मंगाने से उसकी छपाई व ढुलाई आदि का तकरीबन 100 करोड़ रुपये सालाना बचेगा।