मोहल्ला हरिया बस्ती यहां पर 200 परिवार रहते हैं सभी लोग सहेलियां हैं सब के पास जॉब कार्ड भी हैं 4 सालों से उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है इन सभी लोगों के पास जॉब कार्ड भी हैं एक परिवार में चार पांच लोग हैं काम करने वाले 4 साल से काम नहीं मिला तो प्राइवेट मजदूरी कर रहे हैं और सभी लोग पात्र हैं
काम के लिए सहरिया आदिवासी लोगों जड़ी बूटी लेकर अभी अपने बच्चे पाल रहे और इसी में प्राइवेट काम ही मिल जाता है जैसे किसी का मकान बन रहा किसी ने गुम्मा करवाएं पैसे देकर इसी से हम अपना परिवार चला रहे हैं और कुछ काम नहीं मिला रहा है हम लोगों को काम चाहिए ताकी परिवार चल सके और बच्चों को लेकर पलायन के लिए ना जाने पढ़ें हम लोग गांव में ही काम हम लोग गांव में ही काम यही हमारे बच्चा भी पढ़ लिख सकते हैं हम लोग काम ही कर सकते हैं प्रधान से हम लोग काम की मांग करते हैं पर वह काम नहीं देते हैं
पढ़े लिखे आदमी नहीं कि कहीं जाकर शिकायत करें गरीब लोग हैं कहां जाए शिकायत करने हम लोग तो बस काम चाहते हैं इतने लोग हैं हम लोग काम करने वाले फिर भी काम नहीं मिल जाए ऊपर से सरकार दे रही है पर गांव में प्रधान नहीं दे रहे हैं प्रधान अपने पक्ष के लोगों को काम पर लगाता है हम लोगों को कोई काम नहीं देता है हम लोग तो काम की ही मांग करते हैं