जिला चित्रकूट ब्लाक मानिकपुर गांव ऊचाडीह यहां के कोटा का राशन चमरौहा मजरा मे बटता हैl ऊचाडीह से चमरौहा घूम के 12 किलो मीटर जाना पडता हैl आने जाने का किराया 50 रूपिया लगता है जब लाकडाउन हुआ थाl तब और पैदल चलना होता रहा अब कुछ वाहन चलने लगे तो वाहन से चली जाती हैl जब अपने पास किराया नही होता तब किसी कर्ज मांग या जेबर गिरबी रख देती हूं तब कोटा लेने जाते वहा बीस साल से कोटा बटता है |
जब की आवादी ज्यादा ऊचाडीह मे है चमरौहा छोटा मजरा हैl इसी तरह लगभग बारह मजरा है सभी के कोटा वाही मिलता गांव मे बटे तो आराम हो जाये हम लोग मजदूरी छोड के कोटा लेने जाती हूं पूरा दिन भूखे प्यासे बैठे रहते कही सर्बर नही रहा कभी अंगूठा नही लगता है इस तरह के दिक्कत होती हैl इस कारण से ऊचाडीह मे कोटा बटे तो ज्यादा ठीक हैl हम लोग मौखिक एसडीएम को बोले है सभी समूह के महिलाएं की गांव मे कोटा बटना चाहिए नही तो मेरे समूह को कोटा दिया जाये तो हम गांव ही कोटा बाटेगे अभी तो अश्वाशन मिला हैl यही कोटा बटेगा नही तो हम लोग धरना प्रदर्शन करेगेl
कोटेदार शारद प्रसाद का कहना है की हम भी चाहते रहे की ऊचाडीह गांव मे कोटा बटे पर कुछ लोग गांव के परेशान करते थेl इस कारण से चमरौहा मे बाटते है मानिकपुर एसडीएम संगम लाल गुप्ता का कहना मनिकापुर क्षेत्र मे वैसे भी दूरी दूरी मजरा बसा हैl इस कारण दूरी पडता है प्रस्ताव आया है समूह के औरतो का कोटा लेने का कुछ दिन मे ऊचाडीह मे कोटा बटेगा |
खाद्य एवं रसद विभाग उत्तेर प्रदेश की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में करीब तीन करोड़ राशन कार्ड धारक हैं। इन राशन कार्डों का लाभ करीब 14.63 करोड़ लोगों को मिल रहा है। वर्तमान समय में करीब अस्सी हजार से ज्यादा ई-पॉश मशीनों के जरिये राज्य भर में अनाज का वितरण हो रहा है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 68,848 और शहरी क्षेत्रों में 11,649 ई-पॉश मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन अब इन ई-पॉश मशीनों की वजह से राशन कार्ड धारक परेशान हो रहे हैं।