मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम खेड़ी गांव में अन्ना जानवरों से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। खेड़ी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि अन्ना जानवर से सड़क पर भीड़ रहती है वह निकल नहीं पाते हैं। कभी-कभी एक्सीडेंट भी हो जाते हैं लेकिन इसके अलावा अन्य जानवर खेतों में घुसकर खेती चौपट कर देते हैं।
भाजपा अध्यक्ष के दरवाजे पर अन्ना जानवरों का पहरा
ललिता यादव भाजपा अध्यक्ष के अनुसार गौशाला के लिए काफी बजट आता है लेकिन वहां के कर्मचारी पता नहीं क्या करते हैं। क्यों नहीं देख पाते हैं। अन्ना जानवर हमारे दरवाजे भी बहुत ज्यादा बैठे रहते हैं। लोग अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहे हैं इसकी जाँच कराई जाएगी।
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सड़कों पर घूमने से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं..
संतोष तिवारी ने बताया कि उनके यहां अक्सर खेतों में गाय घुस जाती हैं और पूरा खेत, फसल खराब कर जाती है। आजकल तो रात दस बजे तक खेतों में अन्ना जानवर भगाते बीत जाता है। इधर भगा कर आओ उधर फिर से आ जाते हैं। सुबह जाकर देखो तो फसलें ख़राब हुई रहती हैं। यदि किसान घंटे भर को खेत छोड़ देते तो उतने में ही गायों का झुंड जिस खेत में घुस जाता फसल का बंटाधार हो जाता है। हालांकि किसानों द्वारा खेतों की तार फेंसिग आदि करवा लेने के बाद भी फसल को सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं। कुछ गौशालाओं के निर्माण से लोगों को जहां जैसे-तैसे खेतों से राहत मिली तो सड़कों पर इनके झुंडों से जूझना पड़ रहा है। क्षेत्र की ऐसी कोई सड़क नहीं जहां पर इनका झुंड न मिल जाए। अब आम जनमानस का सड़कों पर निकलना भी खतरे से कम नहीं साबित हो रहा
है।
कल्लू अहिरवार का कहना है कि अन्ना जानवर सड़क से लेकर हमारे दरवाजे तक बैठी रहती हैं। अभी ठण्ड का मौसम है धूप निकलती है तो कुछ बाहर फैला देते हैं तो जानवर खा जाते हैं। वैसे तो यहाँ के विधायक ने कई गौशाला बनवाई है लेकिन गौशाला में यह गाय नहीं रहती यहां वहां भटकती रहती हैं।
नहीं उठाये जाते मरे हुए जानवर
मुन्नी रैकवार बताती हैं कि गायों का एक्सीडेंट हो जाता है तो गौशाला वाले उठाने भी नहीं आते। गाय सड़क पर पड़ी पड़ी वहीं पर सड़ जाती हैं। बहुत ज्यादा बदबू और प्रदूषण फैलता है। इस पर गौशाला मालिक या काम करने वाले को ध्यान रखना चाहिए। वहीँ राहगीरों ने भी बताया कि यह एक दिन की समस्या नहीं है हर दिन इसी स्थिति से गुजरते हैं पर कोई ध्यान नहीं देता है।
गौशाला में रखे जायेंगे अन्ना जानवर
प्रद्युम्न लोधी विधानसभा सांसद बड़ा मलहरा से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना है कि 5 गौशाला बनी हैं। जो अन्ना जानवर बाहर भटक रहे हैं उनको कर्मचारियों द्वारा गौशाला में रखा जाएगा। और जब इस बारे में अर्चना गुड्डू सिंह नगर पालिका अध्यक्ष से बात की गई तो उनका कहना है कि गौशाला में काफी गाये हैं। सड़कों पर बैठने वाली गायें एक्सीडेंट का कारण बन रही हैं इसकी सूचना उन्हें मिली है वह कर्मचारियों को भेजकर गौशाला में बंद करवाएंगी।
कई जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है लेकिन ठोस कार्यवाही कब तक होगी यह किसी ने नहीं कहा है। वहीँ ग्रामीणों की माने तो उनका कहना है कि गौशालाएं नाम की बनी हैं उसमें जानवर नहीं हैं। सब बाहर घूम रही हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी लापरवाही क्यों हो रही हैं? सरकार गौशाला के नाम पर गायों के नाम पर इतना बजट पास करती है लेकिन जमीनी स्तर पर समस्या बरक़रार है।
इस खबर की रिपोर्टिंग अलीमा द्वारा की गयी है।
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