जिला पटना, पुनपुन ब्लॉक के आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को समय से राशन नहीं मिल रहा है। गांव की महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में 2 साल पहले ही आंगनवाड़ी केंद्र खुला था। शुरू-शुरू में सब बढ़िया था। उसके बाद से ही उस आंगनवाड़ी केंद्र में से राशन मिलना कम हो गया है। पिछले 1 साल से यह समस्या बनी है। कभी 2 महीने में राशन मिलता है तो कभी महीने में राशन के रूप में चावल दाल और सोयाबीन ही दिया जाता है। वहां पर महिलाओं ने बताया कि जब राशन बंटता है तो सूचित भी नहीं दिया जाता है। राशन देने के टाइम पर दो-दो जैसे साइन करवा लेते हैं।
वहां के वार्ड सदस्य से बात हुआ तो वार्ड सदस्य का कहना था कि 2 साल से आंगनवाड़ी केंद्र खुला है लेकिन यहां पर महिलाओं को समय-समय पर राशन नहीं मिलता है। इसके लिए कई बार बोला गया है लेकिन वह बोलने पर लड़ाई करती हैं और हम पर झूठा आरोप लगाती हैं। अगर अभी बात नहीं बनी तो हम इनकी शिकायत आगे करेंगे।
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इसके चलते बाल विकास अधिकारी विभाग में जाकर बात किया तो बताया कि हमारे द्वारा कई टीम गठित की जाती है जो गांव में जाकर के एक गर्भवती महिला को कुर्सी पर बैठाकर उनकी गोद भराई करवाई जाती है और बताया जाता है कि किस तरह से उनको अपने बच्चों का ध्यान रखना है और क्या-क्या खाने के रूप में खाना है। अगर पोषाहार नहीं मिलता है तो हम इसके लिए जांच करेंगे और ऐसा पाया जाएगा तो सहायिका को चेतावनी भी दी जाएगी।
हर माह की 7 तारीख को ‘गाेद भराई दिवस’ मनाया जाता है। सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ा, तिलक लगाकर गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गोद में पोषण संबंधी पुष्टाहारफल सेब, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा देकर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी जाती है।
पहली डिलीवरी पर महिलाओं को सरकार के द्वारा 5000 रुपया दिया जाता है। लेकिन यहाँ की महिलाओं का आरोप है कि डिलीवरी को 3 महीने से ऊपर हो चुका है। सारे कागज जमा कर दिए हैं फिर भी पैसा नहीं मिला है।
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