खबर लहरिया जवानी दीवानी मोबाईल और इंटरनेट की दुनियां में लड़कियों की भागीदारी पर क्यों लग रहे पूर्णविराम?

मोबाईल और इंटरनेट की दुनियां में लड़कियों की भागीदारी पर क्यों लग रहे पूर्णविराम?

सरकार डिजिटल इंडिया होने की बात कर रही है। पर आज भी ग्रामीण स्तर में इसका कोई खास असर नहीं देखने को मिल रहा है। यहां की लड़कियां इन सारी चीजों से वंचित है। लड़कियों के पास स्मार्टफोन नहीं है। अगर है भी तो वह सिर्फ पुरुषों के पास आपको देखने को मिलेंगे। 30 परसेंट लड़कियां और महिलाएं हैं जो स्मार्टफोन का यूज करती हैं। उनमें से ऐसी लडकिया हैजो कुछ काम करते हैं। चाहे वह कोचिंग सेंटर होब्यूटी पार्लर होया सिलाई सेंटरयह लड़कियां भी कुछ खास डिजिटल का प्रयोग नहीं करती है। मनोरंजन के लिए जनरल ऐप का प्रयोग करते हैं। एक दूसरे से संपर्क बनाए रखने के लिए चैटिंग और कालिंग का प्रयोग करती है। हमारा देश आगे बढ़ रहा है डिजिटल हो रहा है। पर इस भेदभाव से और लड़कियां डिजिटल हो पायेगी। लड़कियों को स्मार्टफोन इसलिए नहीं दिए जाते हैंक्योंकि स्मार्टफोन से लड़कियां बर्बाद हो जाते हैं। सवाल यह उठता है कि जो लड़के स्मार्ट फोन चला रहे हैं क्या वो बर्बाद नहीं हो रहे हैंलड़कियां बहुत कुछ कर रही हैं चांद तक पहुंचने में महिलाओं का पूर्ण सहयोग आता है। पर आज भी लड़का और लड़की के इस भेदभाव ने आज भी लड़कियों की आजादी और पाबंदी में बांधकर जकड़ रखा है