आज से संसद बजट सत्र की शुरुआत हो गयी है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सत्र की शुरुआत करते हुए कहा, चुनौती कितनी भी बड़ी हो, भारत ना रुका है और ना ही रुकेगा। इसके साथ ही कृषि कानूनों के विरोध में 19 पार्टियों द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया गया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरे विपक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा, विपक्ष ने संसदीय गरीमा को चोट पहुंचाई है।” वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा राष्ट्रपति के आज के अभिभाषण को “ऐतिहासिक दस्तावेज़” बताया और कहा कि यह “बदलते भारत” की तस्वीर पेश करता है।
राष्ट्रपति ने कहा : सरकार ने लिए सटीक फैसलें
राष्ट्रपति ने संसद बजट सत्र में कहा,’मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है।‘ उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान उनकी सरकार द्वारा लोगों को आर्थिक पैकेज की घोषणा की गयी। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलों निःशुल्क अनाज दिया गया। प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के बारे में चिंता की गयी। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा खुद की सरकार की इतनी बढ़ाई करना हास्यप्रद महसूस होता है। कोरोना काल के दौरान जहां हज़ारो प्रवासी मज़दूरो की मौत हुई तो कहीं भूख से किसी की मौत हो गयी। इनके लिए सरकार का आर्थिक पैकेज और चिंता काम क्यों नहीं आई?
वहीं कृषि बिलों को लेकर राष्ट्रपति का कहना था कि उनकी सरकार में न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया है और सरकार खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है। अगर ऐसा है तो दिल्ली के सिंघु बॉर्डर और टिकड़ी बॉर्डर पर किसानों द्वारा दो महीनों से आंदोलन क्यों किया जा रहा है? साथ ही उन्होंने 26 जनवरी के दिन लाल किले पर हुई हिंसा और झंडे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जिसमें कुछ किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा लाल किले पर निशान साहेब का झंडा लगाया गया था। जिसमें अभी तक कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और मामले की जांच भी ज़ारी है।
पीएम मोदी ने कहा : साल में कई बार आए मिनी बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “इस साल इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि 2020 में एक नहीं, वित्त मंत्री को अलग–अलग पैकेज के रूप में पांच मिनी बजट देने पड़े। 2020 एक तरह से मिनी बजट का साल था। इसिलए यह बजट भी उन चार–पांच बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा।“
राज्यसभा की कार्यवाही 1 फरवरी तक स्थगित
संसद बजट के आज के सत्र में बताया गया कि राज्यसभा की कार्यवाही 1 फरवरी तक स्थगित की गयी है। 1 फरवरी को वित्ति मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2020-21 का आम बजट लोकसभा में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 7.7 सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का अनुमान है। आने वाले साल 2022 में 11 फीसदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बजट सत्र में प्रश्नकाल होगा आयोजित
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए मानसून सत्र को छोटा रखा गया है। जिसकी वजह से संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया गया। लेकिन इस बार बजट सत्र में प्रश्नकाल आयोजित किया जाएगा जो की पिछले साल 2020 में कम समय होने की वजह से आयोजित नहीं किया गया था।
भगवंत मान को नहीं करने दिया गया, संसद में प्रवेश
आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने दावा करते हुए कहा कि क्योंकि वह किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इसलिए उन्हें संसद में जाने नहीं दिया गया। अब इस बात में कितनी सच्चाई है, इस बात की पुष्टि नहीं की गयी है।
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गुलाम नबी आज़ाद ने लिया, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला
शुक्रवार, 28 जनवरी को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को बहिष्कार करने का फैसला किया था। यह फैसला संसद बजट सत्र के ठीक एक दिन पहले लिया गया। जिस फैसले में 19 राजनीतिक दल शामिल थें। इसका मुख्य कारण तीनों कृषि कानूनों को विपक्ष के साथ बिना बहस के पारित करने को बताया गया।
फैसले को लेकर एक ज्वाइंट स्टेटमेंट भी जारी की गयी था। जिसमें कहा गया कि भारत के किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि कृषि पर भारत की 60 प्रतिशत जनसंख्या निर्भर है। सर्दी, बारिश और कोहरे के बीच 64 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान बैठे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। 155 किसानों ने अपनी जान गवाई है। वहीं केंद्र सरकार इसका जवाब आंसू गैस के गोले, वाटरकैनन और लाठीचार्ज से दे रही है। वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
इन पार्टियों ने किया राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार
राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ( मार्क्सिस्ट), सीपीआई, केरल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आदि पार्टियों ने किया। इसमें बहुजन समाज पार्टी शामिल नहीं थी।
वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। इससे पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कैसे बर्बाद करना है, ये कोई मोदी सरकार से सीखे। संसद बजट सत्र में कई मुद्दों को रखा गया। उसके साथ ही कई मुद्दे विपक्ष पार्टियों द्वारा भी उठाए गए। सरकार के फैसलों पर सवाल उठाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन आज के सत्र में सिर्फ सरकार की बढ़ाई होती ही देखी गयी।