यूँ तो प्रदेश सरकार द्वारा पीने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। कई घोषणाएं भी की गयी। पानी की पाइपलाइन द्वारा घर-घर पानी पहुंचाने की बात की गयी। लेकिन वहीं इन योजनाओं की ग्रामीण स्तर पर हकीकत की बात की जाए तो इनकी तस्वीरें पानी की ही तरफ बिल्कुल साफ़ है।
पन्ना जिले के पवई विधानसभा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़वारी में रहने वाले लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों की पानी की समस्याओं पर आज तक किसी भी जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। जैसे ही गर्मी शुरू होती है। कुएं और तालाब सूख जाते हैं। नल जल योजना ज़रुरत के समय नाम से ज़्यादा कुछ नहीं रह जाती।
मजबूरी में लोग गांव से निकली नदी के बगल में गड्ढे खोदकर नदी का साफ पानी इकट्ठा करते हैं। पानी की समस्याओं को लेकर कई बार सरपंच,सचिव,अधिकारियों और यहां तक की विधायक को भी बताया गया। लेकिन गांव वालों की सुनवाई करता कौन है। जिले के कलेक्टर से भी मांग की गयी कि जल्द से जल्द पानी की समस्या को दूर कराया जाए। जिससे की लोगों को साफ स्वच्छ पानी पीने को मिल सके। समस्या को लेकर कलेक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि मामले को संज्ञान में ले लिया गया है। गाँव में जल्द से जल्द से पानी की व्यवस्था करवाई जायेगी।
खबर लहरिया की रिपोर्ट के अनुसार, जिस नदी से लोग पानी पीते हैं। उसी नदी के पानी में गाँव के जानवर नहाते और तैरते हैं। एक तरफ कोरोना महामारी और दूसरी तरफ लोग गंदा पानी पीने को मज़बूर हैं। साफ़ पानी के लिए लोग घंटों-घंटो लाइन लगाते हैं तब जाकर उन्हें पानी मिलता है। नदी के किनारे मौजूद कुछ महिलाओं ने हमें बताया कि वह सुबह के तीन बजे उठकर ही पानी की चिंता की वजह से लाइन लगा लेती हैं। वह इसलिए क्यूंकि सैकड़ों लोग एक ही जगह से पानी भरते हैं। ऐसे में उन्हें पानी न मिलने का डर सताता रहता है।
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