खबर लहरिया एडिटर देगी जवाब जान बचाने वालों पर होगा हमला तो कैसे हारेगा कोरोना? सुनिए अपने सवालों के जवाब एडिटर देगी जवाब में

जान बचाने वालों पर होगा हमला तो कैसे हारेगा कोरोना? सुनिए अपने सवालों के जवाब एडिटर देगी जवाब में

नमस्कार दोस्तों!! मैं कविता बुन्देलखंडी एक बार फिर हाजिर हूँ। आपके सवालों के जवाब देने के लिए। एडिटर देगी जवाब के इस एपिशोड में आपका स्वागत है। दोस्तों इस समय कोरोना के मरीजो को बेड नहीं मिल रहे हैं,ऑक्सीजन और भी दवाइयां नहीं मिल रहें। ये बाते एकदम सही और हकीकत हैं। लेकिन इन सब समस्या को लेकर आप लोग हमेशा डॉक्टरों को गालियाँ देते हो। यहाँ तक की मारते भी हो, जो की सही नहीं है।

4 मई के दैनिक जागरण में छपी न्यूज़ के अनुसार कुछ तीमारदारो ने चित्रकूट के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर चाक़ू से हमला किया दिया। जिसमें वो घायल हो गये। मैं जानती हूँ की जिनके मरीज को दवा नहीं मिलेगी, बेड नहीं मिलेगा, ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और मरीज की जान परिवार के सामने निकल जायेगी तो गुस्सा आयेगा। लेकिन आप अपने गुस्से को काबू में रखिये। जितनी भी अव्यवस्थाएं हैं इसमें डॉक्टरों की क्या गलती हैं? ये सब तो सरकार की गलती है। आप सरकार के उपर सवाल उठाइए। डॉक्टर ही हैं जो लोगों की जान बचा रहें हैं। डॉक्टरों का सम्मान करिए। तो अब मैं आपके सवालों को पढ़ती हूँ और देती हूँ उनके जवाब।

दोस्तों कोरोना महामारी को लेकर फिर से सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाना शुरू कर दिया है। इससे मजदूर वर्ग काफी परेशान हैं । मजदूरी न मिलने से घरों में खाने-पीने का अकाल पड़ने लगा है। हमने टीकमगढ़ जिले से कुछ मजदूर वर्ग के लोगों से इस बारे में बातचीत की।

सवाल – शिवराज चन्देल का कहना कि लॉकडाउन हटाया जाए।

जवाब – शिवराज जी, लॉकडाउन की वजह से दोबारा से गरीब और मजदूर वर्ग के लोग भुखमरी की कगार में आ गये है। लोगों की मदद करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। लॉकडाउन हटाना न हटाना ये सरकार का फैसला है।

वाराणसी के डीएम ने कोरोना महामारी को लेकर जिले के अधिकारियों के साथ मीटिंग की और उनको कहा कि जिले की संस्थाओं, संगठनो और लोगों से अपील है कि कोरोना पीड़ितों की मदद करें। ऑक्सीजन और दवाईयों के अलावा भी कोरोना में जो लोग अपने परिवारों खो चुके हैं या जिनके परिवार पीड़ित है उनके घर में राशन, खाना पहुंचाने में मदद करें। इस खबर को हमने चलाया। अब अगला सवाल पढ़ती हूँ।

सवाल –राकेश कुमार लिखते है कि आपका प्रयास इस महामारी में सराहनीय एवं प्रशंसनीय है, परन्तु अपना भी ख्याल रखें क्योंकि देश समाज की खबर हम तक पहुंचाने के लिए आप का स्वस्थ एवं सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है।

जवाब –राकेश कुमार, इस वायरस से कोई भी अछूता नहीं है। हमारी टीम में भी कई लोग बीमार हुए हैं और ठीक हो रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम आपको ज़मीनी हकीकत दिखाए। आप भी अपना और अपने परिवार का ध्यान रखिये। थैंक्यू!!

इस बार के पंचायती राज चुनाव में बुन्देलखण्ड के पत्रकार भी अपनी किस्मत आज़माने के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे। हमने चुनाव में उतरे पत्रकारों का इंटरव्यू किया और काफी लोगों ने इस स्टोरी को पसंद भी किया। तो सुनिए किस तरह के सवाल आए हैं।

सवाल- आल्हा जी लिखते हैं कि वर्तमान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद ने कहा था कि पत्रकारिता छोड़ दो नेता गिरी करो। सरकार देश में राज करतीं हैं। पत्रकार सरकार की पोल खोलती है।

जवाब- आल्ह जी, आपने अपने सवाल में ईट का जवाब पत्थर से दे दिया है।अब भला मैं क्या जवाब दूँ। समझदारो के लिए इशारा ही काफी है और इस लोकतंत्र में सबको अधिकार है कि वो चुनाव लड़ सकते हैं। जहाँ चारो तरफ सिर्फ रोने और चीखने की आवाजें आती हैं और खबरें सुनने और देखने को मिलती है।

एक खबर हमने चित्रकूट जिले से की। जहाँ की 76 साल की महिला ने एक किताब ही लिख डाली और वो बुन्देली भाषा में बहुत कुछ लिखती रहती हैं। हमने उनके विचार और लेखनी को आप तक पहुँचाया और आपने इस स्टोरी बहुत प्यार दिया है।

सवाल – सौम्या श्रीवास्तव लिखती हैं, बहुत ही सुंदर मुझे तुम पर गर्व है नानी।

जवाब- वास्तव में, हेमलता जी हमारे समाज के लिए आईना के समान हैं उनको देख कर हौसला बढ़ता और गर्व होता है।

दोस्तों इतने सारे सवाल भेजने के लिए और हमारी स्टोरी को देखने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। मेरा यह शो अगर आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ में शेयर करें। दोस्तों, इस बार के शो में इतना ही। अगले एपिशोड में फिर मिलूंगी। कुछ आपके सवालों के जवाब देने के लिए। तब तक के लिए दीजिये इज़ाज़त, नमस्कार!!

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