पन्ना जिला पेड़ो की विवधता के लिए जाना जाता है। लोग यहां की लकड़ियों को बेचकर अपना जीवनयापन करते हैं। पेड़ों में एक तेन्दु का पेड़ है जो लोगों के आय का जरिया है। इस मौसम में तेन्दु के पत्तों की तुड़ाई होती है। ग्रामवासियों द्वारा तेन्दु का पत्ता तोड़ा जाता है।
तेंदूपत्ता को मई के महीने में तोड़ा जाता है। हर साल की तरह इस साल भी तेंदूपत्ता की तोड़ाई हुई थी। लेकिन इस वर्ष किसी-किसी ग्राम पंचायतों में तेंदूपत्ता की तुड़ाई ही नहीं हुई। वहीं जिन ग्राम पंचायतों में हुई है तो बहुत कम हुई है। आपको बता दें कि जिन लोगों ने पत्ते तोड़े हैं उनमें से कई लोग ऐसे हैं जिनके पैसे उन्हें अभी तक नहीं मिले हैं। जबकि तेंदूपत्ता का कार्ड भी बना हुआ है।
ग्रामीण लोग अपनी जान हथेली पर रखकर जंगल से जंगली जानवरों के बीच पत्ते तोड़कर लाते हैं ताकि उनका घर चल सके। लोगों का कहना है कि वह लोग यह सोचकर तेंदूपत्ता तोड़ रहे हैं क्यूंकि 2 सालों से लगातार करोना महामारी फैल रही है। जिससे ना तो वह लोग बाहर जा पाते हैं और ना ही गांव में काम मिल पाता है। पूरी तरह से बेरोजगारी फैली हुई है।
इस मामले में खबर लहरिया ने नत्थू अहिरवार लघु वन उपज विभाग के प्रबंधक से बात की। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी प्रक्रिया कर दी है। कुछ लोगों के अकाउंट में पैसे आ भी चुके हैं। जिनके नहीं आये उनके भी आ जाएंगे। दिक्क्त यह है की बहुत से लोगों के आधार कार्ड खाते से लिंक नहीं है। जिसकी वजह से पैसे रुके हुए हैं।
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