यूपी के पन्ना जिले के हर तहसील की ग्राम पंचायतों में कोटे की दुकान है। जिसमें हर चार से पांच महीने में लोगों को सरकारी राशन की दुकानों से बाजरा एवं जुंडी जैसे अनाज अधिक मात्रा में मिल रहे हैं। वहीं गेहूं बहुत कम दिया जा रहा है। कहीं कहीं तो गेहूं नाम मात्र के लिए भी दिया जा रहा है। जिसके कारण लोग काफी परेशान है। जो लोग कोटे की दुकान से अनाज ले रहे हैं। उनका कहना है कि जो चार-पांच महीने से अनाज मिल रहे हैं। वह सारे अनाज सर्दियों के खाने के हैं।
गर्मियों में इन अनाजो का कोई भी प्रयोग नहीं करता है क्योंकि गर्मियों में इन अनाजों को खाने से पेट में दर्द एवं दस्त लगना, पेट का भारी होना जैसी समस्याएं बनी रहती है। एक ओर कोरोना जैसी महामारी अपने पैर पसार रही है। लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि अगर ऐसा ही अन्न कोटे की दुकान में आते रहें तो वह लोग कोटे की दुकान से अनाज लेना बंद कर देंगे।
इस पूरी खबर में खबर लहरिया ने मामले से संबंधित जिला की फूड इंस्पेक्टर सरिता अग्रवाल से बात की। इनका कहना है कि इस महीने में जिन सरकारी कोटे में जो अनाज पहुंच गया है। वहां वही वितरित होगा। अगली बार से सभी जगह गेहूं ही वितरित किया जाएगा।