एमपी विधानसभा चुनाव 2023: दिसंबर माह तक विधानसभा चुनाव होने कि उम्मीद है। दावेदारों ने अपनी दावेदारी दिखाने के लिए प्रचार-प्रसार जोरों से शुरू कर दिया है। ग्रामीण स्तर में भले ही अभी किसी तरह का कोई प्रचार-प्रसार नज़र न आ रहा हो पर शहरों में निजी व सरकारी दीवारों, घाटी के पुलियों और मंदिरों तक में पोस्टर और बैनर लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। शहर के बस स्टैंड, पंचायत समिति, सरकारी स्कूल, कॉलेज खेल मैदान सहित सरकारी कार्यालयों के दीवारों को प्रचार-प्रसार का माध्यम बना कर बदरंग कर दिया गया है। इसकी रोकथाम के लिए ज़िम्मेदार प्रशासन के अधिकारी भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। यही वजह है कि शहर में इन दिनों अधिकतर दीवारों पर पोस्टर-बैनर और दीवार लेखन से चमकाने लगी है।
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विधानसभा चुनाव को लगभग 3 महीना ही बचे हैं। गांव में इसका कोई शोर-शराबा नज़र नहीं आ रहा है। लोगों का कहना है कि अभी तक उनके गांव में नेताओं का आवागमन नहीं हुआ है। वह भी नज़र गड़ाए बैठे हैं कि कब नेता आए और कब वह अपनी बातें रखें लेकिन शहरों और कस्बों में जब वह आते-जाते देखते हैं, तो पोस्टर बैनर और दीवार लेखन इस तरह से लिपे-पुते नज़र आते हैं मानों आज ही चुनाव होने वाला है। एक से बढ़कर एक बड़े-बड़े पोस्टर और होडिंग लगी हुई है। भारी मात्रा में दीवार लेखन है। भले ही उनके यहां बीजेपी और कांग्रेस का ही बोल वाला है और उन्हीं के बीच टक्कर दिख रही है लेकिन छोटी पार्टियां भी कम नहीं है।
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