जिला टीकमगढ़ ब्लाक जतारा गाँव चदेरा पान की खेती का यहाँ पर लोग पान की खेती करते है किसान सुकलाल चौरसिया ब्रजकिशोर चौरसिया सुनील चौरसिया रामकिशन चौरसिया इन लोगों का कहना है कि हम पान कि खेती क ई पीडि़यो से कर रहे इसको मार्च की महीने से करते हैं पूरी साल चलता है और तीन बार तो इसमें पानी लगाते हैं इसमें मेहनत भी बहुत लगती है दो हजार की पाई का तो लगता है
इसका बीज पिछली साल मदसोंय जिला भनपुरा से आया था और इसमें लोखों रुपयेकी तो लागत लग जाती इसी से हम लोग अपना पूरा भरण पौषण और बच्चों की शादी कर लेते थे यही हम लोगों का रोजगार और कोई धंधा नहीं है न कोई काम है अभी पानी और तो ऐसे मौसम से तो सारी फसल नष्ट हो चुकी है इससे हम लोग बहुत परेशान है हम लोगों की तो पूरी लागत और पूरी मेहनत बरबाद हो गये
अब क्या करे और क्या खाये इसी से हम पूरा गुजारा चलता था भारी भारिश होने के कारन सभी किसान की पान की खेती खराब हो गई है गाँव के सभी किसान परेशान है तहसीलदार से मुवावजे की मांग कर रहे है बारिश काफी होने से बर्फ के ओले भी पड़े है कई पीढ़ी से लोग किसानी करते है उनके पिता करते थे पहले खेती अब उनके बेटा कर रहे है गवां में दो सोउ परिवार रहते है जिसमे सौ परिवार खेती करते है अब सुख गए हैबुन्देलखण्ड में पानी का संकट कोई नई बात नहीं
पान के पत्ते अगर ज़्यादा धुप होती है तब भी नुक्सान है अगर ज़्यादा बारिश होती है तब भी नुक्सान है पचास सौ पांच सौ तक भी बिक जाता है सभी बेचते है हम सभी किसानो के पास और कोई रोजगार नहीं है यही करते है पान की खेती जब सुरु से सब करते है तो हम भी करते है इसके अलावा और कोई काम करना अच्छा ही नहीं लगता है अब यही उम्मीद करते है सरकार से की हमारा कुछ सहायता करे जिससे हम अपना घर चला सके और अपने बच्चे पाल सके तहसीलदार लिधौरा सुनीता साहनी का कहना है कि वहां जाकर हम लोगों ने निरीक्षण किया है नुकसान पाया गया है जो भी हमारी आरविछात हैं उसके अनुसार उन लोगो को मुआवजा दिया जायेगा