यूपी के मेरठ में OYO ने अपने साझेदार होटलों के लिए एक नई चेक-इन नीति शुरू की है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह नियम इस साल से लागू होगा जिसमें अविवाहित जोड़ों को अब चेक-इन की अनुमति यानी कोई कमरा नहीं दिया जाएगा। इसका ध्यान ऑनलाइन बुकिंग के समय भी रखा जाएगा।
द्वारा लिखित – सुचित्रा
OYO होटल में अब अविवाहित जोड़ों को कमरे में अनुमति नहीं मिलेगी। यह नियम ओयो की नई चेक-इन नीति के तहत शुरू किया गया है जिसकी शुरुआत सबसे पहले यूपी के मेरठ में होगी। कंपनी चेक-इन नियमों में यह संशोधन कल रविवार 5 जनवरी 2025 को किया गया। जोड़ो को कमरे की बुकिंग के लिए अपने रिश्ते का वैध प्रमाण देना होगा।
ओयो / OYO (On Your Own) एक जानी मानी होटल कमरे की सुविधा देने वाली प्रसिद्ध कंपनी है। यह कंपनी देशभर में होटलों के साथ साझेदारी कर कमरे उपलब्ध करवाती है। कमरे की बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं। माना जाता है कि ओयो होटल काफी हद तक प्रेमी जोड़ों के लिए काफी फायदेमंद रहे हैं लेकिन अब यही ओयो के कमरे चर्चा का विषय बन गए हैं। ऐसे तो ओयो रूम के लिए सिर्फ वैध पहचान पत्र से रूम मिल जाता था, पर अब कंपनी ने इस साल चेक इन यानी कमरा बुक करने के नियमों में बदलाव कर दिए हैं।
मेरठ के ओयो होटल में अविवाहित जोड़ों को नहीं मिलेगा कमरा
यूपी के मेरठ में OYO ने अपने साझेदार होटलों के लिए एक नई चेक-इन नीति शुरू की है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह नियम इस साल से लागू होगा जिसमें अविवाहित जोड़ों को अब चेक-इन की अनुमति यानी कोई कमरा नहीं दिया जाएगा। इसका ध्यान ऑनलाइन बुकिंग के समय भी रखा जाएगा।
रिश्ते का देना होगा प्रमाण / सबूत
लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिकजारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जोड़ों (couple / कपल) को ऑनलाइन कमरे बुक करते समय (चेक-इन) अपने रिश्ते का वैध प्रमाण देना होगा।
सामाजिक मानदंडों के आधार पर लिया गया फैसला
कंपनी ने बताया कि OYO ने अपने पार्टनर होटलों को स्थानीय सामाजिक मानदंडों के अनुसार, होटल वाले को जैसा लगता है उस आधार पर जोड़ों की बुकिंग को अस्वीकार करने का अधिकार ओयो होटल को दिया है।
फीडबैक के आधार पर अन्य शहर में भी लागू होने की संभावना
जारी किए गए रिपोर्ट में कहा गया है कि मेरठ क्षेत्र से मिलने वाली प्रतिक्रिया / फीडबैक के आधार पर कंपनी इसे अन्य शहरों में भी लागू कर सकती है।
अविवाहित जोड़ो को ओयो होटल में कमरे न देने की याचिका
पीटीआई-भाषा को ओयो कंपनी ने बताया, “ओयो को पहले भी नागरिक समाज समूहों, विशेषकर मेरठ से इस मुद्दे के समाधान के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। इसके अतिरिक्त, कुछ अन्य शहरों के निवासियों ने भी अविवाहित जोड़ों को ओयो होटलों में चेक-इन करने की अनुमति न देने के लिए याचिका दायर की है।”
इस तरह के फैसले निजी स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा करते हैं। इस सवाल के जवाब में ओयो उत्तर भारत के क्षेत्र प्रमुख पावस शर्मा ने पीटीआई को बताया, “ओयो सुरक्षित और जिम्मेदार अतिथि सत्कार प्रथाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। जबकि हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, हम उन सूक्ष्म बाजारों में कानून प्रवर्तन और नागरिक समाज समूहों की बात सुनने और उनके साथ काम करने की अपनी जिम्मेदारी भी पहचानते हैं, जहां हम काम करते हैं। हम समय-समय पर इस नीति और इसके प्रभाव की समीक्षा करते रहेंगे। “
इस तरह के फैसले क्या सही है और कहाँ तक सही है? क्या समाज में सिर्फ विवाहित जोड़ों को ही अधिकार है अपनी स्वतंत्रता और सुरक्षा से जीने का? जिन प्रेमी जोड़ों को लगता था कि ओयो होटल रूम एक अच्छा विकल्प बनकर उनके सामने आया है। अब इस फैसले के बाद उनके सामने ये एक चुनौती बन कर खड़ी हो गई है।
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