खबर लहरिया COVID-19 स्त्रोत फिर बढ़ रहा कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रकोप

फिर बढ़ रहा कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रकोप

कोरोना वायरस का प्रकोप 2021 के मार्च के महीने से वापस देखने को मिल गया है। स्कूल्स, कॉलेज, पब्लिक ट्रांसपोर्ट दोबारा से बंद किए जा रहे हैं। कई शहरों में तो सम्पूर्ण लॉकडाउन भी घोषित कर दिया गया है। खबरों की मानें तो कोविड-19 की ये दूसरी लहर पिछले साल आयी पहली लहर से भी ज़्यादा ख़तरनाक मानी जा रही है। जहां इस बार मृत्यु दर भी पहले से ज़्यादा है, वहीं इस बार के कोरोना वायरस के लक्षण भी पहले से कुछ अलग हैं। टाइम इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में दूसरा ऐसा देश बन चुका है जो इस समय कोविड-19 से सबसे ज़्यादा प्रभावित है। भारत में इस समय रोज़ाना तीन लाख से ऊपर कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं, इसके साथ ही रोज़ एक हज़ार से ऊपर मौतें भी हो रही हैं। इससे पहले कोविड-19 के केसेस का ऐसा बढ़ता हुआ दर सितम्बर 2020 में देखने को मिला था।

आखिर क्यों हो रही है कोरोना संक्रमण के मामलों में इतनी बढ़ोत्तरी?

रिपोर्ट्स की मानें तो इतने मामले इसलिए भी सामने आ रहे हैं क्योंकि 1.3 बिलियन लोगों की जनसंख्या वाले इस देश में आधे से ज़्यादा आबादी मध्यम वर्ग या निम्न वर्ग के लोगों की है, जिनके पास न ही इतनी सुविधाएं हैं कि वो बीमार पड़ने पर सही इलाज करवा सकें और न ही उनके पास कोरोना वायरस के घातक प्रभावों को लेकर के सही जानकारी है। इस साल कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि लगातार लोग सोशल डिस्टन्सिंग का पालन किए बिना और बिना मास्क के सार्वजनिक स्थानों पर निकल रहे हैं। हाल ही में हरिद्वार में लगे कुम्भ मेले में गंगा स्नान करने पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं में से अबतक एक हज़ार से ऊपर लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

कितनी लाभदायक है वैक्सीन?

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस समय हमारे देश में चल रहा कोरोना का वक्सीनेशन ड्राइव दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बन चुका है। अब तक भारत में कोविड-19 से बचाव के लिए 6 करोड़ 40 लाख से भी अधिक लोगों को कोरोना की वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है, जिसमें ज्यादातर फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग शामिल हैं। भारत में जनवरी 2021 से कोरोना की वैक्सीन का पहला चरण शुरू हुआ था और अबतक वैक्सीन लगने के तीन चरण आ चुके हैं, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवाक्सिन को मंज़ूरी दी गई थी। वैक्सीन लगने के बावजूद भी फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग जिनको कोरोना का टीका लग चुका है, वो अभी भी कोविड-19 की चपेट में आ रहे हैं, ऐसे में दोनों ही वैक्सीन कितनी कारगर हैं, यह अभी भी सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।

किसको है सबसे ज़्यादा खतरा?

डब्ल्यू एच ओ के अनुसार कोरोना वायरस के इस दूसरे चरण में में सबसे ज़्यादा खतरा माध्यम आयु के लोगों के साथ-साथ युवाओं को है। हृदय रोग, मधुमेह आदि के मरीज़ों को सबसे ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रुरत है। इसके साथ ही बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी ख़ास ख्याल रखने की ज़रुरत है।

कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर क्या करें?

अगर आपको खांसी, बुख़ार, जुकाम, शरीर में दर्द के अलावा आँखों में जलन, पेट में दर्द, मतली आदि की शिकायत होती है, तो तुरंत अपने नज़दीकी डॉक्टर से सम्पर्क करें। जितना हो सके घर से बाहर निकलने से बचें। और जब भी बाहर निकलें तो मास्क अवश्य पहनें। सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करें और सरकार द्वारा दिए गये दिशानिर्देशों को समझें और उन्हें अपनायें। इस मुश्किल घड़ी में ज़रूरी है कि हम खुद के साथ साथ दूसरों की भलाई के लिए भी ज़्यादा से ज़्यादा एहतियात बरतें और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकें।