कोंग्रस सांसद के ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों के बारे में सवाल पूछने पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की बेहद ज़्यादा कमी देखी गयी। अपने प्रियजनों की जान बचाने के लिए लोग लाखों रूपये देकर ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने को तैयार थे। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा था। वहीं जिन लोगों के पास ऑक्सीजन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, उनके पास कोरोना से लड़ने की कोई उम्मीद भी नहीं थी।
जब मंगलवार 20 जुलाई 2021 को कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने राज्यसभा में यह सवाल पूछा कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज़ ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ गए हैं? इसका जवाब स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने राज्यसभा में लिखित रूप में दिया जो की बेहद हैरान करने वाला था।
ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई मौतें
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट की वजह से बड़ी तादाद में कोरोना मरीज़ों की मौतें हुई हैं। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में स्वस्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार ने अपने लिखित में दिए जवाब में कहा – “स्वास्थ्य राज्य का विषय है। मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं। राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है।”
स्वास्थ्य राज्य मंत्री के जवाब पर छिड़ा विवाद
स्वास्थ्य राज्यमंत्री के इस जवाब से विवाद खड़ा हो गया। हालांकि कोरोना से हुई मौतों पर राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के पूछे गए सवालों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा – “मोदी जी ने कहा डेथ (मौत) रजिस्टर कीजिए, छुपाइए मत। राज्य सरकार को ही मौतें रजिस्टर करनी होती हैं। यहां कहा गया कि भारत सरकार आंकड़े छुपा रही है। यह गलत है।”
कांग्रेस ने की आलोचना
कांग्रेस ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री के जवाब की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार अंधी और असंवेदनशील है। आम लोगों ने अपने करीबियों को ऑक्सीजन की कमी से मरते हुए देखा है। अब कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस मसले पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने संसद में गलत बयान दिया है।
पहली लहर के बाद दोगुनी हो गई मांग
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने यह भी बताया ‘बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी। महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।’ उनसे पूछा गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान गयी है।
दूसरी कोरोना लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलिंडर और टैंकरों की कमी को लेकर देश भर में हाहाकार मचा हुआ था। जिसकी खबर हर अख़बार और टीवी चैनलों में लगातार दिखाई जा रही थी। ऐसे में स्वास्थ्य राज्यमंत्री का जवाब कई सवाल खड़े कर रहा है। यह कहना कि ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई, यह जवाब ही एक सवाल है कि आखिर किस तथ्य पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री बेहद भरोसे से यह बयान राज्यसभा में दे रहे हैं? आखिर सरकार मौतों के आंकड़े क्यों छिपा रही है ?
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