बांदा जिले के मोतिहारी गांव में पीढ़ी दर पीढ़ी बीतती चली आ रही है पर वहाँ पर आज तक कोई भी शमशान घाट नही बना चाहे वह मुर्दा जलाने के लिए हो या जानवरों के लिए, जिसके कारण लोगों को बहुत परेशान होना पडता है| लोगों का कहना है कि पहले की नदी बेथाह भरी रहती थी| और कोई रोक-टोक नहीं थी तो लोग जलासय का सहारा लेते थे लेकिन अब नदी सूख गई है| जिसके पास जमीन है तो वह अपने जमीन में दफना देता है| पर जिसके पास नही है उनको बहुत दिक्कत होती है| इसके लिए लोगों ने कई बार मांग की पर कोई सुनवाई नहीं होती|