गांव में एम्बुलेंस वाले नहीं आते हैं। कहते हैं कि गांव का रास्ता खराब है। ऐसे में अगर कोई महिला गर्भवती होती है तो वह भी अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती।
ये भी देखें –जींद: गांव का एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र डूब रहा पानी में – Khabar Lahariya (खबर लहरिया)
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’