आज समाजवादी पार्टी ( सपा) के वरिष्ठ नेता श्यामा चरण गुप्ता चित्रकूट के ब्लॉक कर्वी के रगौली जेल पहुंचे। ताकि वह अपने कार्यकर्ताओं से मिल सके। जिन्हें 16 मार्च को चित्रकूट के कर्वी ब्लॉक में सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उन्हें उनके कार्यकर्ताओं से नहीं मिलने दिया गया। उन्होंने यह जानकारी प्रेसवर्ता के ज़रिये दी। आपको बता दें, श्यामा चरण गुप्ता पहले बीजेपी के सांसद भी रह चुके हैं।
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा – मामले को बनाया जा रहा है बड़ा
प्रेस को बताते हुए वरिष्ठ नेता श्यामा चरण गुप्ता ने कहा कि “मैं पुतलों के दहन का पक्षधर नहीं हूँ। चाहें वो मेरा हो या किसी और का। मुझे संदेह है कि किसी और का पुतला जलाया गया। किसी दूसरे के आरोप में किसी दूसरे को आरोपित कर दिया गया। मैं अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को जेल में डालने के काम की निंदा करता हूँ। छोटे काम को बड़ा बनाया गया है। गिरफ़्तारी को लेकर मुझे संदेह है कि इसके पीछे लखनऊ सरकार और जिला सरकार की योजना है या जिला के नेताओं की योजना है।”
वह कहते हैं कि पंचायती चुनाव आ रहे हैं। इसलिए उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया है। ताकि वह कुछ भी ना कर पाए। वह आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यह सब पंचायती चुनाव जीतने के लिए किया जा रहा है।
वह आगे कहते हैं कि इस बार चित्रकूट, इलाहबाद में समाजवादी पार्टी के ही अध्यक्ष बनेंगे। “अगर हमने छोटा अपराध किया है तो हमारे अपराध की सज़ा दो। लेकिन हमारे छोटे अपराध को बड़ा मत बनाओ। मुझे संतोष है कि अधिकारियों ने फोन के ज़रिये मेरी कार्यकर्ताओं से बात करा दी।”
सपा के वरिष्ठ नेता का कहना था कि अगर उनके कार्यकर्ता जेल में है। वह चुनाव लड़ रहे हैं। तो वह जेल से उन्हें चुनाव लड़वायेंगे और जीत भी दिलवाएंगे। उन्होंने आखिरी में यह भी कहा कि आम जनता भी लोगों के पुतले जलाती है। लेकिन उन पर किसी तरह का मामला दर्ज़ नहीं होता।
पुतला जलाने के मामले में इन लोगों को किया गया गिरफ़्तार
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अनुज यादव, जिला महासचिव फ़राज़ खान, उपाध्यक्ष गुलाब खां, राम प्रकाश, नरेन्द्र यादव, उमाकांत यादव, अमर सिंह पटेल, इन्द्रभूषण यादव, आशुतोष अग्रहरी, रामकिशोर वर्मा, रामचन्द्र वर्मा, सूरज पटेल, फूलचन्द्र यादव आदि कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया। जानकारी के अनुसार, सभी पर राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज़ किया गया था। मुकदमा धारा 147,188,169,,341,66,आईटी एक्ट 6 विशेष पावर, 7 सी एल ए के तहत किया गया।
सीओ कर्वी के नगर क्षेत्र अधिकारी शीतला पांडेय व उनकी टीम द्वारा नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। फिर उन्हें 18 मार्च को न्यायालय में पेश किया। जहां आदलत द्वारा उनकी ज़मानत की अर्ज़ी को खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया। आपको बता दें कि कर्वी के उप निरीक्षक प्रवीण कुमार की तहरीर पर यह किया गया।
यह है पूरा मामला
16 मार्च को चित्रकूट जिले के कर्वी ब्लॉक चौराहे पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाया गया था। कार्यकर्ता पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर लगे झूठे आरोप का विरोध कर रहे थे।
इससे पहले 22 फरवरी के दिन जब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव मुरादाबाद में थे। उनकी प्रेसवर्ता के दौरान काफ़ी भीड़ भी मौजूद थी। साथ ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और विपक्षी दल के लोग भी प्रेसवर्ता में काफी मात्रा में थे।
उस समय अचानक से किसी पत्रकार की अखिलेश यादव के बॉडी गार्ड से बहस हो गयी। बहस इतनी ज़्यादा बढ़ गयी कि बीच-बचाव के लिए अखिलेश यादव को खुद बीच में आना पड़ा। इसी बीच काफी लोग मारपीट पर भी उतर आये।
इस घटना के बाद पत्रकारों द्वारा पार्टी के अध्यक्ष पर बदतमीज़ी का आरोप लगाया गया। साथ ही अखिलेश यादव, उनके बॉडी गार्ड और अन्य 20 बीस लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए नाज़नी रिज़वी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।