गोरखपुर : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी जोरों पर है जहां वोट बटोरने के लिए नेता, मंत्री और प्रत्याशी अपना-अपना दांव खेल रहे हैं। लोगों के बीच जाकर बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। हाथ पैर जोड़ रहे हैं। वहीं लोग भी इस उम्मीद के साथ बैठे हैं कि जैसे ही उनके यहां कोई प्रत्याशी आए, वह अपनी मांग रखें। ऐसा ही कुछ सुनने और देखने को मिला गोरखपुर जिले के लहसडी गांव में।
वहां के लोगों ने बताया कि उनके खरयाना मोहल्ले में लगभग डेढ़ सौ निषाद परिवार है लेकिन उस मोहल्ले में विकास के नाम पर किसी भी तरह की सुविधा नहीं है। ना तो आवास, ना शौचालय है, ना नाली है, ना रास्ता है। बहुत से बुजुर्ग लोगों की तो पेंशन भी नहीं मिली जिसकी मांग वह बराबर कर रहे हैं। हाँ, लोगों को राशन ज़रुर मिलता है।
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लोगों ने बताया कि सरकार का 2022 तक आवासों का पूरा करने का लक्ष्य था,लेकिन अभी तक उनके मोहल्ले में आवास नहीं बने। लोग ऐसे ही छोटे-छोटे घरों, झुग्गी- झोपड़ियों में रहते हैं। सरकार तो बड़े-बड़े वादे करती हैं कि गरीबों को ये सुविधाएं, वो सुविधाएं देंगे,लेकिन पूरे नहीं होते। इसलिए जो भी प्रत्याशी चुनाव में वोटिंग मांगने के लिए आएगा, वह अपनी मांग रखेंगे।
कुछ लोगों ने बताया कि मांगने से क्या होता है जब मिलता नहीं है और ना गरीबों की कोई सुनता है। इससे अच्छा तो हम बात ही ना करें, मांगे ही ना। हमारा मत है हम उसको तो देगें ही। लोगों ने कहा कि हां राशन जरूर दो बार ही मिलता है जिससे उनके खाने के लिए होता है इसलिए वोट भी उसी पार्टी को करेंगे। बाकी कुछ मिले चाहे ना मिले लेकिन अगर आवास, शौचालय भी मिल जाता तो अच्छा होता। इसके लिए उन्होंने कई बारी मांग भी की है और अब चुनाव का समय है तो वोट मांगने आये प्रत्याशी के सामने भी यही मांग रखेगें।
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