बांदा जिले के बदौसा थाना अंतर्गत आने वाले एक गांव में 20 जुलाई को दो सगी बहनों के अपहरण और उसके बाद रेप का मामला सामने आया है। एक हफ्ते से ऊपर हो गया पीड़ित परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। पुलिस लड़कियों का डॉक्टरी परीक्षण और जांच कराये बिना ही मामले को झूठा साबित करार दे रही है। इतना ही नहीं पुलिस ने तो इसके खंडन की प्रेस विज्ञप्ति भी ज़ारी कर दी है। अब देखते हैं कि इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या इसी तरह भटकता रहेगा।
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मेरी जासूसी कहती है कि गांव में चल रही कानाफूसी मैं पता चला कि जिस दिन यह घटना हुई है, उस दिन रात को 11 बजे लाइट चली गई थी और लोग छत में टहल रहे थे। कुछ लोगों ने देखा कि दो मोटरसाइकिलों पर कुछ लोग घर से कुछ दूर निकले और फिर आगे कहीं मोटरसाइकिल खड़ी करके आगे की ओर बढ़ गए। अंधेरे होने की वजह से पता नहीं चल पाया कि व्यक्ति कौन है। बस पैरों की आवाज़ सुनाई दे रही थी और परछाई दिखाई दे रही थी। इतना सब होने के बाद सुबह लोगों को पता चला कि पुरवे की दो लड़कियों के घर के छप्पर को तोड़ कुछ लोग उन्हें उठाकर ले गए।
जासूसी यह भी कहती है कि दूसरे दिन लड़कियां अतर्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव के पास मिली। लड़कियों को पुलिस द्वारा वहां से लाया गया और दबवा बना के मनचाहे बयान लेकर उनका वीडियो बना लिया गया है। अब समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उन्हीं लड़कों के साथ लड़कियों की शादी कर दे पर कार्यवाही के नाम पर ना तो उनका मुकदमा दर्ज किया गया और ना मेडिकल करवाया गया। जबकि परिवार तैयार है मेडिकल कराने के लिए और थाने से लेकर बांदा तक न्याय की गुहार लगा चुका पर सुनवाई नहीं हुई है। परिवार का कहना है कि अब अगर यहां से न्याय नहीं मिलता तो लखनऊ और दिल्ली जाएंगे। पूरी खबर देखिये वीडियो में…
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