केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सुझाव के तौर कहा कि भारतीय हवाई अड्डे मानव मूत्र का महत्व नहीं समझते हैं, जबकि ये मूत्र एकत्रित करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम अभी यूरिया को देश के बाहर से आयात करते हैं। यदि हम मानव मूत्र को जमा करके इसका प्रयोग करें तो हमको बाहर से यूरिया का आयात नहीं करना पड़ेगा। हालांकि कुछ समय पहले नितिन गडकरी ने दांवा किया था कि वह अपने मूत्र को जमा करके उसका प्रयोग अपने दिल्ली वाले बगीचे में करते हैं।
गडकरी ने यह बयान नागपुर में नगर निगम के मेयर इनोवेशन अवार्ड समारोह में कही। उन्होंने आगे कहा कि लोग मेरे साथ सहयोग नहीं करते क्योंकि मेरे विचार अच्छे हैं। उन्होंने एक मिसाल देते हुए कहा कि किस प्रकार प्राकृतिक कचरे से बायो-ईंधन बनाया गया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि मानव मूत्र जैव-ईंधन बनाने में लाभ हो सकता है और इसका प्रयोग अमोनियम सल्फेट और नाइट्रोजन प्राप्त करने में किया जा सकता है। गडकरी ने बताया कि वह इंसानी बालों से निकले अमीनो एसिड से खाद बनाकर विदेशों में बेचते हैं। नागपुर में इतने बाल नहीं मिल पाते, इसलिए हर महीने तिरुपति से 5 ट्रक बाल खरीदते हैं। दुबई सरकार से उनके पास ऑर्डर 180 कंटेनर का ऑर्डर भी है।