बीजेपी संसदीय बोर्ड में 6 नए चेहरों के शामिल होने के साथ-साथ पहली बार एक सिख प्रतिनिधि को शामिल करना नरेंद्र मोदी-अमित शाह के शासन काल में एक बहुत बड़े राजनीतिक बदलाव की तरफ इशारा है।
भाजपा के संसदीय बोर्ड से 17 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को बाहर निकाल दिया गया है। इसके साथ ही संसदीय बोर्ड में 6 नए चेहरों को जगह दी गयी है।
इसके आलावा यह भी सुनने में आ रहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन्होंने दूसरे कार्यकाल के लिए भाजपा का नेतृत्व किया है, पार्टी द्वारा उन्हें निर्णय-निर्माताओं के बीच स्थान देकर पुरस्कृत किया जाएगा।
एनडीटीवी की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया, हाल ही में नागपुर में हुए एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि वर्तमान की राजनीति पॉवरप्ले को लेकर अधिक है। उन्होंने कई बार राजनीति छोड़ने के बारे में भी सोचा।
वहीं शिवराज सिंह चौहान जो तकरीबन 20 सालों से एमपी के मुख्यमंत्री रहें हैं, उन्हें हटाने के बाद अब बोर्ड में कोई भी मुख्यमंत्री नहीं है।
ये भी देखें – देश ने मनाया 75वां स्वतंत्रता दिवस फिर दलित जातिगत हिंसा से क्यों नहीं है आज़ाद ?
बीजेपी के संसदीय बोर्ड में यह लोग शामिल
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa), केंद्रीय मंत्री सारबनंदा सोनोवाल (Sarbananda Sonowal), पूर्व आईपीएस ऑफिसर इकबाल सिंह लालपुरा (Iqbal Singh Lalpura), पूर्व लोकसभा सासंद सत्यनारायण जाटिया (Satyanarayan Jatiya), बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण (K Lakshman) और राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव (Sudha Yadav) को पार्टी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है।
आपको बता दें, इस बोर्ड में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय अमित शाह व राजनाथ सिंह भी शामिल हैं।
ये भी देखें – बांदा नाव हादसा : आपदा में अवसर तलाश रहीं पार्टियां
पहली बार सिख प्रतिनिधि बीजेपी संसदीय बोर्ड में शामिल
संसदीय बोर्ड में 6 नए चेहरों के शामिल होने के साथ-साथ पहली बार एक सिख प्रतिनिधि को शामिल करना नरेंद्र मोदी-अमित शाह के शासन काल में एक बहुत बड़े राजनीतिक बदलाव की तरफ इशारा करता है।
न्यूज एजेंसी PTI ( प्रेस टट्रस्ट ऑफ़ इंडिया) के मुताबिक बीजेपी के संसदीय बोर्ड में यह बदलाव अधिक सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व देने के लिए किया गया है। भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड में पहली बार किसी सिख को जगह दी गई। बीजेपी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा को अल्पसंख्यक समुदायक के प्रतिनिधि के तौर पर बोर्ड में शामिल किया है।
बीजेपी के केंद्रीय चयन समिति में इन्हें मिली जगह
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी के आम सचिव भूपेंदर यादव, ओम माथुर और इसके अलावा महिला विंग की प्रमुख वनथि श्रीनिवासन को पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) में जगह दी गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन और जुआल ओरान को समिति से हटा दिया है। बता दें कि बीजेपी के संसदीय बोर्ड के सदस्य सीईसी के भी सदस्य होते हैं।
बीजेपी संसदीय बोर्ड में अब नहीं है कोई मुस्लिम चेहरा
चुनाव समिति में मुस्लिम प्रतिनिधत्व का एकमात्र चेहरा रहे शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) को भी बोर्ड से हटा दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, भाजपा के पास अब ऐसा कोई मंत्री, सांसद या किसी महत्वपूर्ण पार्टी पद पर कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है। यहां तक की कोई सांकेतिक प्रतिनिधित्व के लिए भी नहीं। इसके आलावा मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने इससे पहले अपना राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ दिया था।
बीजेपी के संसदीय बोर्ड में हुए इस बड़े बदलाव को राजनीतिक तौर पर एक सफल कार्य के रूप में देखा जा रहा है, पर भविष्य में भी यह निर्णय पार्टी को कितना हित पहुँचाता है, इस पर सवालिया निशान कायम है।
ये भी देखें – ‘बिहार में का बा’ गाना है बिहार की राजनीति पर कटाक्ष
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’