हाल ही में जारी हुई NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) 2023 की रिपोर्ट ने इसी विषय पर एक बहुत बड़ी मात्रा में आंकड़े पेश किए हैं। इस रिपोर्ट ने न सिर्फ यह बताया है कि किन अपराधों में वृद्धि हुई है और किनमें कमी बल्कि यह हमें यह भी सोचने को मजबूर करती है कि हमारी सुरक्षा की नींव कितनी मजबूत है।
भारत में कानून एवं व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर जब भी सार्वजनिक चर्चा होती है तो एक तथ्य हमेशा सामने आता है कितनी सुरक्षा, कितनी चुनौतियां। हाल ही में जारी हुई NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) 2023 की रिपोर्ट ने इसी विषय पर एक बहुत बड़ी मात्रा में आंकड़े पेश किए हैं। इस रिपोर्ट ने न सिर्फ यह बताया है कि किन अपराधों में वृद्धि हुई है और किनमें कमी बल्कि यह हमें यह भी सोचने को मजबूर करती है कि हमारी सुरक्षा की नींव कितनी मजबूत है। देश में 2023 के दौरान हुए अपराधों की तस्वीर सामने आ गई है। NCRB के रिपोर्ट के अनुसार देश में 2023 में कुल 62,41,569 अपराध दर्ज हुए है। पिछले साल की तुलना में 7.2% बढ़ोत्तरी हुई। 2023 में महिलाओं पर 4.48 लाख अपराध दर्ज हुए जो बीते दस साल में सबसे ज़्यादा है।
यह रिपोर्ट एनसीआरबी, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तैयार की गई है। इसमें देश भर के थानाओं से जुटाए पुलिस डेटा का विश्लेषण किया गया। हत्या के मामलों में कुल संख्या पिछले तीन वर्षों में घट रही है, लेकिन अपराध का मकसद राज्यों के मुताबिक अलग-अलग है।
बच्चों के खिलाफ अपराध
एनसीआरबी के रिपोर्ट के अनुसार 2023 में बच्चों पर अपराध के 1.77 लाख केस दर्ज हुए हैं जो 2022 में 1.62 लाख थे यानी एक साल में 9.2% की बढ़ोत्तरी हुई जो महिलाओं और बुजुर्गों के मुतबिक बहुत अधिक है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध
महिलाओं के खिलाफ अपराध 0.7% व बुजुर्गों पर 2.7% बढ़े। महिलाओं के खिलाफ अपराध में 4,48,211 केस दर्ज हुए जिसमें सबसे ज़्यादा पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता, अपहरण, बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले थे। महिलाओं के खिलाफ मामलों में यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान सबसे आगे है। वहीं महिलाओं के खिलाफ अपहरण में ‘जबरन शादी’ की बढ़ी संख्या में सामने आई ख़ासकर उत्तर व मध्य भारत में।
तीन बढ़े क्राइम और दुष्कर्म के केस सर्वाधिक
– 2022 में हत्या 28,522 था और 2023 में 27,721 बढ़ा। इसमें बदलाव 2.8% हुआ।
– 2022 में दुष्कर्म 31,516 था और 2023 में 29,670 बढ़ा। इसमें बदलाव 5.9% हुआ।
– 2022 में लूट 28,356 था और 2023 में 26,599 बढ़ा। इसमें बदलाव 7.0% हुआ।
2023 में 1,13,564 केस हुए, जो पिछले साल से 5.6% ज़्यादा हैं। बच्चों और महिलाओं के अपहरण के केस प्रमुख हैं।
साइबर क्राइम में 31% की बढ़ोत्तरी हुई
अपराध सबसे ज़्यादा केस सबसे कम
– हत्या 3206 (उत्तर प्रदेश) 12 (सिक्किम)
– दुष्कर्म 5078 (राजस्थान) 9 (सिक्किम)
– लूट 5942 (महाराष्ट्र) 2 (सिक्किम)
देश में 2023 के दौरान साइबर क्राइम के 86,420 केस दर्ज हुए। धोखा, लैंगिक शोषण और फिरौती प्रमुख कारण बने।
मेट्रो शहरों में अपराध
2023 के रिपोर्ट अनुसार मेट्रो शहरों में भी अपराध बढ़े हैं।
शहर/राज्य 2023 2022 2021
दिल्ली 3,43,483 3,18,555 3,03,293
बेंगलुरु 68, 520 46,187 33,310
कोच्चि 67,616 28,766 33,967
मुंबई 65,441 89,098 78,882
सूरत 63,142 55,300 76,797
अहमदाबाद 53,311 53,845 96,455
हत्या और अपहरण के मामलों में यूपी और बिहार सबसे ऊपर
रिपोर्ट अनुसार हत्या और अपहरण के मामलों में उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे ऊपर है। यानी गंभीर अपराधों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में इन दोनों राज्यों में सबसे अधिक है। 2018 का रिपोर्ट देखें तो पांच सालों में उत्तर प्रदेश में हत्या, अपहरण और दहेज हत्या के मामले घटे हैं। मध्य प्रदेश हत्या के मामले में 2018 की तुलना में मामूली कमी आई है, जबकि अपहरण और बंधक बनाने के मामले 2018 में 8596 थे, जो 2023 में बढ़कर 11,768 दर्ज किए गए हैं।
इन राज्यों में अपराध की स्थिति
– उत्तर प्रदेश में हत्या 3206 बढ़े। अपहरण 16663 बढ़े। वहीं दहेज हत्या 2122 है।
– बिहार में हत्या 2862 बढ़े हैं। अपहरण 14371 बढ़े। वहीं दहेज 1143 है।
– महाराष्ट्र में हत्या 2205 बढ़े हैं। अपहरण 13106 बढ़े। वहीं दहेज 170 है।
– मध्य प्रदेश में हत्या 1832 बढ़े हैं। अपहरण 11768 बढ़े। वहीं दहेज 468 है।
– राजस्थान प्रदेश में हत्या 1806 बढ़े हैं। अपहरण 9882 बढ़े। वहीं दहेज 428 है।
बच्चे; यौन अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं
एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन औसतन 486 और हर तीन मिनट में एक अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुआ।
– 2023 में बच्चों के खिलाफ अपराधों की दर 39.9 प्रति एक लाख बाल जनसंख्या रही जो 2022 में 36.6 थी। इन मामलों में अपहरण (79,884,45%) और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध (67,694,38.2%) सबसे प्रमुख रहे।
– अधिकतम अपराधी पीड़ित के जान पहचान के लोग थे। कुल 40 434 मामलों में 39,076 मामलों में आरोपी जानकर थे। 3,224 में परिवार के सदस्य 15,146 में परिवार के दोस्त, पड़ोसी आदि हैं और 20,706 में दोस्त आदि थे।
– मध्य प्रदेश (22,393) महाराष्ट्र ( 22,390) और यूपी (18 852) में सर्वाधिक केस दर्ज हुए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध
2023 के एनसीआरबी के रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले –
– 2023: 4 लाख 48 हजार केस
– 2022: 4 लाख 48 हजार केस
– 2021: 4 लाख 28 हजार केस
महिलाएं अपनों से ही सुरक्षित नहीं –
– ज़्यादातर मामले क़रीब एक लाख 33 हजार केस पति या रिश्तेदारों की ओर से की गई क्रूरता के तहत दर्ज हुए।
– अपहरण के क़रीब 88 हजार मामले दर्ज हुए
– रेप के क़रीब 29 हजार मामले दर्ज हुए
– दहेज के कारण 6156 महिलाओं की मौत के मामले दर्ज
महिलाएं सबसे असुरक्षित –
यूपी: 66381 केस
महाराष्ट्र: 47101 केस
राजस्थान: 45450 केस
मध्य प्रदेश: 32342 केस
दिल्ली: 13439 केस
सबसे ज़्यादा सड़क हादसे
2023 एनसीआरबी के रिपोर्ट अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भी यूपी टॉप पर है जो राज्य में बढ़ती ट्रैफ़िक और सुरक्षा व्यवस्था की चिंताओं को दर्शाता है।
किसानों की आत्महत्या
2023 एनसीआरबी के रिपोर्ट अनुसार किसानों की आत्महत्या में भी काफी बढ़ोत्तरी देखी गई।
2023 में खेती से जुड़े 10,700 से ज़्यादा लोगों ने आत्महत्या की है जिनमें से 38.5% महाराष्ट्र और 22.5% कर्नाटक से थे। अब कुल आत्महत्याओं (1,71,418) में 66.2% लोगों की वार्षिक आय एक लाख से कम थी।
खेती के क्षेत्र में 4,690 किसान/खेती करने वाले और 6,096 कृषि मज़दूरों ने आत्महत्या की। यह देश में कुल आत्महत्याओं का 6.3% है।
खेती में सबसे अधिक आत्महत्याएं महाराष्ट्र (38.5%) कर्नाटक (22.5%) आंध्रप्रदेश (8.6%) मध्य प्रदेश (7.2%) में दर्ज की गई।
अनुसूचित जनजातियों के मामले
रिपोर्ट अनुसार अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अपराध 2022 की तुलना में 2023 में 28.8 प्रतिशत बढे हैं। देश भर में कुल 12,960 मामले दर्ज किए गए जो 2022 में 10,064 थे। यानी एसटी और बच्चों के खिलाफ अपराध बढे हैं। मणिपुर, जो 2023 से मैतेई और कुकी- ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा से जूझ रहा है, सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
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