देशभर में इन दिनों वायरल बुखार का कहर देखने को मिल रहा है। छोटे-बड़े अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि बेड तक कम पड़ रहे हैं। मौसम के बदलाव के साथ ही लोग तेज बुखार, सिर दर्द, खांसी-जुकाम और थकान जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं। महोबा और छतरपुर जिलों में खबर लहरिया की टीम ने जमीनी हकीकत को सामने लाने का काम किया है। लोगों का कहना है कि यह बुखार पहले घर के एक सदस्य को होता है और धीरे-धीरे पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लेता है। कई मरीज बताते हैं कि बुखार और कमजोरी इतनी ज्यादा होती है कि ऐसा लगता है मानो कई दिनों से खाना ही न खाया हो। डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी पूरी तरह से संक्रामक है और मौसम के अचानक बदलने के कारण वायरस तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। कभी तेज धूप, कभी बारिश और उमस भरा मौसम — यही वजह है कि लोग जल्दी बीमार हो रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है। यही हाल दिल्ली के अस्पतालों में भी देखा जा रहा है। साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भी फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. रोमेल टिक्कू ने कहा, “पिछले दो हफ़्तों में, ओपीडी में बुखार के साथ आने वाले आधे से ज़्यादा मरीज़ों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं। हालाँकि हम हर मामले की जाँच नहीं करते, लेकिन H3N2 वायरस सबसे ज़्यादा पाया गया है। मरीज़ अक्सर तेज़ बुखार के साथ आते हैं जिस पर पैरासिटामोल का असर नहीं होता, साथ ही गले में दर्द, खांसी, सिरदर्द और बदन दर्द भी होता है।
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