खबर लहरिया Blog राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: जानिए किस शख्सियत की याद में मनाया जाता है

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: जानिए किस शख्सियत की याद में मनाया जाता है

भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की याद में 11 नवंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 11 सितंबर, 2008 को घोषणा की कि भारत में अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान हैं इसलिए उनको याद करके भारत के इस महान पुत्र के जन्मदिन को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

मौलाना अबुल कलाम आजाद समाज सुधारक, स्वतंत्रता सैनानी और कई भाषाओं के विद्वान थे। उनको हिंदी, अरबी, अंग्रेजी, ऊर्दू, पर्शियन और बंगाली भाषा में महारत हासिल थी। उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान के लिए भी याद किया जाता है। आज उनकी जयंती पर लोग उन्हें नमन् कर रहे हैं  

स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे अबुल कलाम

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अबुल कलाम ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका मानना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि उन्होंने 14 साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की वकालत की।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से गहरा रिश्ता 

आजाद भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से गहरा नाता था। उन्होंने पहले शिक्षा मंत्री के रूप में एएमयू के दीक्षा समारोह में भाग लिया था। यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्ट्रेट ऑफ थियोलॉजी (दीनियात में मानद उपाधि) से नवाजा था। उनके नाम पर मौलाना आजाद लाइब्रेरी है, जो एशिया की प्रमुख लाइब्रेरियों में शामिल है। इसमें दुर्लभ पांडुलिपियां व ऐतिहासिक किताबें हैं।

क्यों विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएँ 

भारत में छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैंकेंद्रीय गृह मंत्रालय की 2014 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 55 मिनट में एक छात्र अपनी जान दे देता है। ताज़ा मामला दिल्ली स्थित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन की एक छात्रा ने 3 नवंबर आत्महत्या कर ली बताया जा रहा है कि मार्च से छात्रा को स्कॉलरशिप नहीं मिली थी तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की निवासी, वह राज्य की 12 वीं कक्षा की परीक्षा की टॉपर थी छात्रा उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके इसके लिए उसके परिवारवालों ने घर को गिरवी रख दिया था


समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ गणित की छात्रा ऐश्वर्या ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है सुसाइड नोट के मुताबिक ऐश्वर्या का परिवार उसकी शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकता था नोट में उसने लिखा कि वह अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थी और बिना शिक्षा के जीवन नहीं चाहती थी छात्रा द्वारा आर्थिक परेशानी में इस तरह का कदम उठाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं

भारत सरकार से मिल रही थी छात्रा को छात्रवृत्ति

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया का कहना है कि ऐश्वर्या विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार से INSPIRE(प्रेरित करना) छात्रवृत्ति प्राप्त कर रही थीं  हालांकि, छात्रवृत्ति में मार्च महीने से ही देरी हो रही थी, और उसने पहले ही बताया था कि  उसके पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है और न ही लैपटॉप है इसलिए वो ऑनलाइन क्लास नहीं ले सकती है लैपटॉप और इंटरनेट न होने के कारण छात्रा के पास अध्ययन सामग्री उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण वो काफी परेशान थी। और ऐसा क़दम उठा लिया फिलहाल इस मामले की जांच जारी है

राहुल गांधी ने किया ट्वीट

छात्रा की मौत पर शोक जताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह जाबूझकर लॉकडाउन और नोटबंदी करके अनगिनत घरों को बर्बाद कर रही है उन्होंने ट्वीट किया है, ‘इस अत्यंत दुखद घड़ी में इस छात्रा के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ. जानबूझकर की गयी नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए यही सच्चाई है