खबर लहरिया ताजा खबरें कितना रोमांचक था बिहार चुनाव का नतीजा, देखिये राजनीति, रस, राय में

कितना रोमांचक था बिहार चुनाव का नतीजा, देखिये राजनीति, रस, राय में

कितना रोमांचक था बिहार चुनाव का नतीजा। किसके सफर शुरुआत और किसका होगा आखरी देखिये राजनीति, रस, राय में

हेलो दोस्तों, मैं हूं मीरा देवी। खबर लहरिया की ब्यूरो चीफ। मेरे शो राजनीति, रस, राय में आपका बहुत बहुत स्वागत है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद फिर से बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए गठबन्धन की जीत हो गई। सबसे ज्यादा 74 सीटें bjp को मिली हैं लेकिन मुख्यमंत्री कुर्सी का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे। इसकी घोषणा bjp पहले ही कर चुकी है। आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन से कड़ी टक्कर रही। एनडीए को 125 सीट तो महागठबंधन को 110 सीट मिली। इसी तरह से 57 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भी बीजेपी बहुत आगे है। अगर यूपी में ही देखें तो 7 में से 6 सीटें बीजेपी के खातें में गईं।

अगर नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने तो वह लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। नीतीश कुमार अलग अलग समय में इस बार सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। चुनाव दौरान उन्होंने अपने इस्तीफे का भी ऐलान कर दिया है कि यह उनका अंतिम चुनाव है।
देश में बिहार के विधानसभा चुनाव के साथ ही एक लोकसभा और 57 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी हुए। जहां लोकसभा उपचुनाव बिहार की वाल्मीकि नगर सीट के लिए हुआ, वहीं विधानसभा उपचुनाव 10 राज्यों में हुए, जिनमें मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड, मणिपुर, नगालैंड और तेलंगाना शामिल हैं। इन चुनावों की टॉप पार्टी भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल हैं।

कितना रोमांचक था बिहार चुनाव का नतीजा। किसके सफर शुरुआत और किसका होगा आखरी देखिये

सबने एक्जिट पोल और अपने तजुर्बे के आधार पर पहले ही तय कर लिया है कि उनकी ही सरकार बनेगी। जैसे मध्यप्रदेश के उपचुनाव को लेकर वहां के राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के नेता विवेक तन्खा ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत और सार्वजनिक तौर पर जिनसे भी चर्चा हुई है उनकी बातों से समझ में आया है कि उनकी ही सरकार बनने वाली है। इसी तरह बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आरजेडी पार्टी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा, ओपिनियन पोल से लेकर एग्जिट पोल तक उन्होंने लंबा रास्ता तय कर लिया है। इस दौरान लोगों ने तेजस्वी यादव में भरोसा जताया है। उनकी रैलियों में भीड़ का एक बड़ा हुजूम दिखा है। इससे हमें समझ में आया है कि तेजस्वी यादव को वोटर कितना पसंद कर रहा है। हमें जीत का पूरा भरोसा है।

सरकार चाहे जिस पार्टी की बने या फिर जिसके भी सिर इस कुर्सी का ताज चढ़े इसकी खुशी नेता और मतदाता में तब तक ही रहती है जब तक नतीजे नहीं आ जाते। नेता मंत्रियों को जीतने की खुशी तो मतदाता को जिताने की खुशी। उसके बाद लगातार पांच साल तक मतदाता रोता है और नेता हंसता है। सारे ख्वाब पूरे करता है और ऐशोआराम की जिंदगी जीता है। ये तस्वीर कब बदलेगी? कब वह समझेंगे कि उनको जनता और क्षेत्र के विकास के लिए इस कुर्सी में भेजा गया है? जनता उस दिन का इंतजार कर रही है जब नेताओं को जीताकर जनता सारे ख्वाब पूरी करेगी और ऐशोआराम की जिंदगी जिएगी।

7 साथियों इन्हीं विचारों के साथ मैं लेती हूं विदा, अगली बार फिर आउंगी एक नए मुद्दे के साथ। अगर ये चर्चा पसन्द आई हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। लाइक और कमेंट करें। अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। बेल आइकॉन दबाना बिल्कुल न भूलें ताकि सबसे पहले हर वीडियो का नोटिफिकेशन आप तक सबसे पहले पहुंचे। अभी के लिए बस इतना ही, सबको नमस्कार!

 

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