जिला नालन्दा : प्रखंड बेन की पंचायत माड़ी में एक ऐसी मस्जिद है जहां पर हिन्दू समुदाय भी छोटे से बड़े शुभ कार्य में मत्था टेकने जरूर जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर मस्जिद मत्था टेकने नहीं गए तो कुछ न कुछ अशुभ हो जाता है। किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए भी लोग यहां जाने से नहीं चूकते। एक समय पर यह खबर मीडिया में हलचल मचा दी था। काफी मीडिया यहां आकर कवरेज कर चुकी है कि भाईचारे को कायम रखने में इस गांव के लोगों और माहौल से सीख लेनी चाहिए।
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खबर लहरिया की टीम भी इस अनोखे गांव को देखने और कवरेज करने पहुंची। गांव के लोगों ने बताया कि गांव के अजय पासवान, बखोरी जमदार और गौतम महतो इस मस्जिद की देखभाल का जिम्मा उठा रहे हैं। इसके पहले अजय पासवान के पिता करते थे।
अजय पासवान की माँ समेत कई महिलाओं ने बताया कि वह मस्जिद नहीं छू सकती क्योंकि महिलाएं मस्जिद के अंदर नहीं जा सकती लेकिन उनके अपने बेटा और बेटी के शादी में मत्था टेकने जरूर गई हैं।
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अजय का यह भी कहा कि पूजा तो सब करते हैं लेकिन इसको बनाये रखने में कुछ ही लोग हैं। मस्जिद की साफ सफाई, रखरखाव, रंग रोगन, देखभाल और कभी कभी अजान और नमाज़ भी अदा करते हैं। वह इस बात को मानते हैं कि जितना मुश्लिम भाई कर सकते हैं उतना विधि विधान वह नहीं कर पाते।
देश में हिन्दू मुश्लिम को लेकर जिस तरह का माहौल है और बनाया जा रहा है उस सवाल पर महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने कहा कि यह नेताओं का काम है। गांव में आइये और जनता से पूँछिए भाईचारे की भावना आज भी कायम है और कायम रहेगी। असली हिंदुस्तान गांवों में ही बसता है।
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