खबर लहरिया ताजा खबरें ‘मेरा स्तन तुम्हारा कमेंट बॉक्स नहीं’, बोलेंगे बुलवायेंगे हंस कर सब कह जायेंगे

‘मेरा स्तन तुम्हारा कमेंट बॉक्स नहीं’, बोलेंगे बुलवायेंगे हंस कर सब कह जायेंगे

बोलेंगे बुलवाएंगे हंस कर सब कह जाएंगे शो में एक बार फिर से आप सबका बहुत-बहुत स्वागत है। दोस्तों फिर से हाजिर हूँ मैं कुछ अटपटी-चटपटी बातों के साथ और हां नारीवादी चश्मे के साथ।

दोस्तों इस बार मेरे शो का मुद्दा है “स्तनपान”, इस शब्द से तो आप सभी परिचित होंगे। बच्चा जब पैदा होता उसे सबसे पहले मां के सीने की जरूरत पड़ती है औरत के सीने से निकलने वाला दूध पी कर बच्चा बड़ा होता है। वही औरत का सीना बच्चों को ज़िंदगी देता है। मां दूध बच्चे को बहुत ताकत देता है चाहें वह लड़की हो या लड़का। लेकिन बड़े होते ही लड़कों का नज़रिया औरत के शरीर के तरफ बदल जाता है। आइए इस बारे में गहराई से जानते हैं।

महिलाओं से सवाल-

– ये बताओ अगर औरत के शरीर पर आदमी या लड़के नज़र डालते हैं तो सबसे पहले उनकी निगाह कहाँ जाती है?
– क्या सोच होती है नज़रिया क्या होता है?

यंग ( युथ) लड़कियों से सवाल-

– अगर आप सहेलियां के साथ कहीं जा रही हैं तो लड़को की नज़र शरीर के किस हिस्से पर पड़ती है और वह किस तरह के कमेंट करते हैं?
– क्या लगता है उस समय जिस जिस्म के हिस्से से उन्हें जिन्दगी मिली आज वही हिस्सा उनकी हवस का शिकार बन रहा है?

पुरुषों से सवाल

– महिलाओं के किस अंग पर आपकी सबसे पहले नज़र पड़ती है?
– आपको क्या लगता है महिला का सीना पुरुषों के हवस मिटाने का जरिया है?

टिप्पणी-

इस तरह की सोच है महिलाओं के लिए पुरूषों की। वे महिला के शरीर के हिस्से से दूध पीकर बड़े होते हैं फिर उसी को हवस की नज़र से देखते हैं। सड़क पर कहीं भी लड़कियां या औरत देखी, सबसे पहली नज़र औरत के सीने पर जाती है। अश्लील कमेंट करते हैं वाह!! क्या माल है। क्या मस्त सीने हैं या खुले शब्दों में कहूं तो यही कहते हैं इसके दूध बहुत अच्छे हैं या छोटे हैं। फीगर (शरीर की बनावट) से औरत की खूबसूरती को आंकते हैं और यह भूल जाते हैं कि यही सीना उनकी माँ के शरीर में भी है जिसे पीकर वह बड़े हुए हैं।

दो दोस्तों कैसा लगा आपको मेरा ये शो? अगर मेरा शो पसंद आया हो तो लाइक करें, शेयर करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप भी बताएं अगर कोई मुद्दा मेरे शो के लिए आपके पास है जिस पर मैं चर्चा कर सकती हूँ, मुद्दा बस नारीवादी चश्मे वाला होना चाहिए। तो चलती हूँ फिर आऊंगी अगले एपिसोड में नये मुद्दे के साथ और नारीवादी चश्मे के साथ।

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