बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में करीब 40 गांव ऐसे हैं, जहां पारंपरिक और ऑर्गेनिक तरीके से शहद उत्पादन किया जाता है। किसानों की मेहनत और प्रकृति से जुड़ी इस खेती में लीची के फूलों से लेकर जामुन और सरसों के पेड़ों तक, अलग-अलग मौसम में मधुमक्खियों को नए ठिकाने दिए जाते हैं। किसानों का कहना है कि यह परंपरा उनके पूर्वजों से चली आ रही है, लेकिन सरकार से अब उन्हें पर्याप्त सहायता नहीं मिल रही। जानिए कैसे तैयार होता है असली शहद, और कैसे आप असली और नकली में फर्क कर सकते हैं।
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