खबर लहरिया Blog “मुख्यमंत्री बनने का खास मौका 100 लाओ, सरकार बनाओ” – अखिलेश यादव

“मुख्यमंत्री बनने का खास मौका 100 लाओ, सरकार बनाओ” – अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर मानसून ऑफर की बात करते हुए ‘100 लाओ सरकार बनाओ’ की बात कही गई। इसका मतलब यह कि जो 100 विधायक लेकर आएगा, समाजवादी पार्टी मुख्यमंत्री बनने में उनका समर्थन करेगी।

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                                                                              सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर (फोटो – सोशल मीडिया)

समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता अखिलेश यादव ने बीजेपी पार्टी में चल रहे हलचल के बीच तंज कसा। अपने सोशल मीडिया X पर कल गुरुवार 18 जुलाई को एक पोस्ट लिख कर मीडिया और राजनीति में हलचल मचा दी। पोस्ट में मानसून ऑफर की बात कही गई जिसमें ‘100 लाओ सरकार बनाओ’। इसका मतलब यह कि जो 100 विधायक लेकर आएगा समाजवादी पार्टी मुख्यमंत्री बनने में उनका समर्थन करेगी।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार और समाजवादी पार्टी की जीत होने से सत्ता में आई सरकार को काफी बड़ा झटका लगा है। इसका असर उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों के बीच चल रहे तनाव से अंदाजा लगाया जा सकता है।

कल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया और साथ ही एबीवीपी से बात करते हुए का वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि, “उनका (उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य) का सपना था मुख्यमंत्री बनने का वो आज भी 100 विधायक ले आए और बन जाए मुख्यमंत्री, समाजवादी पार्टी समर्थन करेगी। अगर उनके साथ विधायक है तो लें आए। वो तो स्टूल पर बैठाए गए और उनकी नेमप्लेट भी हटाई गई।”

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विधानसभा उपचुनाव की बैठक में उपमुख्यमंत्री नहीं हुए शामिल

इस साल होने वाले विधानसभा के उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने कल 18 जुलाई को लखनऊ में बैठक बुलाई थी। बैठक में उपमुख्यमंत्री मौर्य और बृजेश पाठक शामिल नहीं हुए।

नेता जिन्होंने पार्टियां बदली

राजनीति में आए नेता पहले अपना फायदा सोचते हैं उन्हें जनता के हित की चिंता नहीं सताती है इसलिए कुछ नेता जिन्हें दलबदलू की श्रेणी में रखा जाता है। वे कभी एक पार्टी में नहीं रहते क्योंकि उन्हें जो पार्टी मजबूत लगती है और सत्ता में आ सकती है, उस और चले जाते हैं। बात करें उत्तर प्रदेश के बाँदा-चित्रकूट के आर के पटेल की तो वे कभी बीएसपी में, तो कभी सपा तो कभी बीजेपी में चले जाते हैं। इसके अलावा अन्य नेता जिन्होंने पार्टियां बदली।

– जालौन के हरिओम उपाध्याय भाजपा छोड़ बसपा में गए थे और मंत्री बने

– महोबा के राकेश गोस्वामी बसपा से विधायक रहे और अब भाजपा से हैं विधायक

– बांदा के बसपा के कद्दावर नेताओं में से एक नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब हैं कांग्रेसी

– बांदा के बसपा नेता रहे बाबू सिंह कुशवाहा बनाई अपनी अलग पार्टी

– हमीरपुर से पहली बार जनता दल से सांसद बने गंगाचरण राजपूत भी बदल चुके हैं पार्टियां

– झांसी-ललितपुर में कांग्रेस से दो बार सांसद रहे सुजान सिंह बुंदेला ने भी दल बदला है।

अगर दलबदलू या यूं कहें अवसर देख पार्टी दलबदलू होने वाली ये आंधी विधानसभा और लोकसभा के अंदर चल सकती है और लोकल के नेता करेंगे ही।

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं इसलिए सभी नेता फिर से जीत के लिए प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं।

 

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