देश में गंगा-जमुनी तहजीब आज भी देखने को मिलती है। हम आपको छतरपुर जिले के नाथू सिंह भदौरिया की कहानी बता रहे हैं, जो पिछले 60 सालों से मोहर्रम में ताजियादारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह परंपरा उनके पूर्वजों से चली आ रही है और उन्हें इसे निभाने में बहुत अच्छा लगता है।
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