मध्यप्रदेश में शादी-विवाह के दौरान कार्यक्रमों में ढोल-बाजे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन कई लोगों के लिए ढोल बजाना ही उनकी रोज़गार का एकमात्र जरिया था। पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ ग्राम पंचायत बनहरी में रहने वाले कई लोग शादियों में यही काम करते थे। जिससे की उनका परिवार चलता था। लेकिन जब से कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा तब से लोगों का रोज़गार ठप्प हो गया।
गांव वालों का कहना है कि अगर सब इसी तरह से चलता रहा तो वह लोग कैसे जीयंगे? जब रोज़गार ही नहीं है तो वह क्या करें? पहले वह गाँव से बाहर अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि जगहों पर शादी के दौरान पैसे कमाने के लिए चले जाते थे। जिससे उनके परिवार का जीवनयापन होता था। कुछ पैसे गाँव में भी कमा लेते थे। अब तो प्रशासन की कड़ाई की वजह से घर से बाहर निकल पाना भी मुश्किल है।
निवासियों का यह भी कहना है कि पूरे लॉकडाउन में कोई भी उनसे उनकी स्थिति के बारे में पूछने नहीं आया। न ही उन्हें किसी भी प्रकार की सेवायें या सुविधाएँ प्रदान की गयी। चुनाव में भी सिर्फ वादे किये जाते हैं। अब चुनाव खत्म तो वादा भी ख़त्म हो गया।
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