International News : मेलिसा, Miss England की फाइनलिस्ट ने कहा कि वह प्रतियोगिता के फाइनल में फिर से सभी मेकउप की वस्तुओं को त्याग देंगी और बिना मेकअप के चेहरे के प्रतिस्पर्धा करेंगी।
लन्दन की 20 साल की मेलिसा रऊफ (Melisa Raouf) मिस इंग्लैंड पैजेंट (Miss England pageant) में बिना मेकअप के रैंप वॉक करने वाली सबसे पहली प्रतिभागी हैं। बता दें, मेलिसा 94 सालों के इतिहास में सौंदर्य प्रतियोगिता में प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ावा देते हुए बिना मेकउप रैंप वॉक करने वाली प्रतिभागी बनी हैं।
अब वह आने वाले 17 अक्टूबर को फाइनल में 40 अन्य प्रतियोगियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी।
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प्राकृतिक सुंदरता को प्रोत्साहित करना चाहती हैं मेलिसा
“अगर कोई अपनी त्वचा से खुश है, हमें अपने चेहरे को मेकअप से ढकने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए। हमारी खामियां हमें बनाती हैं, हम कौन हैं और यही चीज़ हर एक व्यक्ति को खुद में ख़ास बनाती है” – मेलिसा ने कहा
मेलिसा, राजनीति की छात्रा है। वह अन्य महिलाओं और युवा लड़कियों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता दिखाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है।
“यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मुझे लगता है कि अलग-अलग उम्र की कई लड़कियां मेकअप करती हैं क्योंकि वह ऐसा करने के लिए दबाव महसूस करती हैं”- मेलिसा ने यूके के इंडिपेंडेंट अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कहा।
“Bare Face” राउंड भी जीत चुकी हैं मेलिसा
मेलिसा ने कहा, उसने कम उम्र से मेकउप करना शुरू कर दिया था लेकिन उसने सौंदर्य प्रतियोगिता के लिए इस परम्परा को तोड़ने का फैसला लिया। बता दें, मेलिसा ने “Bare Face” राउंड भी जीता है जिसे साल 2019 में ब्यूटी पेजेंट में जोड़ा गया था।
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हाल ही में प्राकृतिक सुंदरता को अपनाया – मेलिसा
मेलिसा ने कहा कि मेकअप लगाने के बाद उसे कभी खुद अपनी त्वचा के साथ सुकूं महसूस नहीं हुआ।
“मैंने यह कभी महसूस नहीं किया कि मैंने कभी सौंदर्य मनको को पूरा किया है। मैंने हाल ही में इस बात को स्वीकार किया है कि मैं अपनी त्वचा के साथ ही सुंदर हूँ इसलिए मैंने बिना किसी मेकअप के प्रतिस्पर्धा करने का फैसला लिया।
मानसिक स्वास्थ्य इतना बड़ा विषय होने के साथ, मैं सभी लड़कियों को अच्छा महसूस कराना चाहती हूँ। मैं बस सभी सौंदर्य के मानकों को हटाना चाहती हूँ। मुझे लगता है कि सभी लड़कियां अपनी तरह से सुंदर हैं। मुझे ऐसा लगता है कि मैंने यह सभी लड़कियों के लिए किया है।”
“प्रतियोगिता के फाइनल में वह फिर सभी मेकउप की वस्तुओं को त्याग देगी।”
बिना मेकउप प्रतिस्पर्धा करना बड़ी बात है
प्रतियोगिता के आयोजक एंजी बेस्ली (Angie Beasley) ने कहा, “यह महिलाओं को यह दिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है कि मेकअप लगाने की ज़रुरत और सोशल मीडिया के फिल्टर्स के बिना असल में आप कौन हैं।
यह पहली बार है कि मैनें किसी प्रतिभागी को सेमीफाइनल की प्रतियोगिता में बिलकुल मेकउप के बिना प्रतिस्पर्धा करते हुए देखा हो। बेस्ली ने कहा, उसने (मेलिसा) कहा कि वह अन्य सभी प्रतिभागियों के मुकाबले ज़्यादा सशक्त महसूस करती है।
हम उन्हें मिस इंग्लैंड के लिए शुभकामनाएं देते हैं। यह करना एक बहुत ही बहादुरी की बात है कि जहां बाकि सभी लोगों ने मेकअप लगाया हुआ है वहीं यह युवा लड़कियों को एक ज़रूरी मेसैज दे रही हैं।
मिरर की रिपोर्ट के अनुसार मेलिसा ने अपने फाइनल में पहुंचने के अनुभव को बहुत-बहुत कठिन बताया।
एक सौंदर्य प्रतियोगिता में बिना मेकअप के आना और फाइनल में जाना, मेलिसा के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है। उसने साथ ही यह भी सन्देश कि प्राकृतिक सुंदरता का कोई भी मानक नहीं होता। आप हर तरह से बिना मेकअप के अपने आप में सुदंर हो और यह सन्देश आज की युवा लड़कियों के लिए भी है।
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