खबर लहरिया Blog यूपी: कानपुर में नाबालिक से बलात्कार कर लिवर खाने और फतेहपुर में दो बहनों की आँखे फोड़कर गैंगरेप की आशंका का मामला

यूपी: कानपुर में नाबालिक से बलात्कार कर लिवर खाने और फतेहपुर में दो बहनों की आँखे फोड़कर गैंगरेप की आशंका का मामला

Minor raped and eat liver in Kanpur

घटना 14 नवंबर 2020 यूपी के जिले कानपुर के एक गाँव की है। जिसमें छह साल की बच्ची के साथ बलात्कार का एक और मामला सामने आया है। जिसमें पहले तो बच्ची के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसके बाद उसके लिवर को निकालकर खाया गया। यह सुनने में काफ़ी असहनीय है लेकिन यूपी में आए दिन ऐसे मामले बढ़ते ही जा रहे है। पिछले कुछ महीनों में हर टीवी चनैल और खबरों में यूपी में होते बलात्कार के मामले ही थे।

यह है पूरा मामला

पुलिस ने इस मामले में अंकुल कुरील और उसके दोस्त बीरन को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बच्ची के पड़ोसी थे। एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपी अंकुल और वीरन को अंकुल के ही चाचा परशुराम ने पूरी घटना को अंजाम देने के लिए 1500 रूपये दिए थे। परशुराम को शादी के 20 साल के बाद भी अपनी पत्नी से कोई बच्चा नहीं था। इसलिए उसने अपने भतीजे अंकुल से बच्ची की हत्या करने के बाद उसका  लिवर निकालकर, उसे लाकर देने को कहा था। अंकुल ने शराब के नशे में बीरन के साथ पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया और लिवर निकालकर अपनी चाची को दे दिया।

इस दिन हुई थी घटना

14 नवंबर दीपावली की शाम को तकरीबन छह बजे यूपी के कानपुर के एक गाँव में 6 साल की बच्ची का अपहरण किया गया। पूजा के समय परिवार वालों को पता चला कि उनकी बच्ची लापता है। वह पहले अपने आस-पास बच्ची की तलाश करते हैं लेकिन बच्ची कहीं भी नहीं मिलती। दीपावली के अगले दिन 15 नवंबर रविवार की सुबह बच्ची का शव बहुत ही बुरी हालत में सरसों के खेत में मिलता है। परिवार वालों के मुताबिक़ बच्ची के हाथों और पैरों में लाल रंग लगा हुआ था।

आरोपियों पर लगी है यह धाराएं

अंकुल,बीरन,परशुराम और परशुराम की पत्नी, चारों आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों के गायब होने) के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी है। पुलिस ने  गैंगरेप के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किये कड़े आदेश 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में परिवार वालों को पांच लाख रूपये देने का ऐलान किया है। साथ ही  घटना के आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रिय सुरक्षा कानून के तहत कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। वह ट्वीट करते हुए कहते हैं कि “कानपुर नगर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के अपराधी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं, उन्हें ₹5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। @UPGovt इस प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर अपराधियों को अति शीघ्र सजा दिलाएगी। “

यूपी के फतेहपुर जिले में दो बहनों के साथ गैंगरेप की आशंका 

यूपी के कानपुर की घटना के दो दिन बाद यानी आज 17 नवंबर 2020 को यूपी से ही एक और गैंगरेप की खबर सामने आयी है। यूपी के जिले फतेहपुर के एक गाँव में दो सगी बहनों की आँख फोड़कर हत्या कर दी गयी। यह माना जा रहा है कि गैंगरेप के बाद दोनों बहनों की हत्या की गयी है। गाँव के कुछ राहगीरों को दोनों बच्चियों का शव तालाब में मिला। 

पूरी घटना 

Minor raped and eat liver in Kanpur

दोनों बच्चियां नाबालिक थीं। वह सोमवार 16 नवंबर को दोपहर में साग तोड़ने के लिए खेत गयी थीं। काफ़ी समय के बाद भी वह दोनों घर नहीं पहुंची। तो परिवार वाले दोनों की तलाश करने लगे। वह खेतों की तरफ भी गए लेकिन उन्हें वहां भी दोनों बच्चियां नहीं मिली। इसी दौरान जंगल से लौट रहे कुछ गाँव के लोगों ने नदी से कुछ ही दूरी पर स्थित एक तालाब के पास दोनों बहनों के शव को तैरते हुए देखा और परिवार वालों को इसके बारे में सूचना दी। जब परिवार वालों ने दोनों को निकाला तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। 

पुलिस के मुताबिक़ जिन लोगों ने पहले दोनों बच्चियों को देखा था उन्होंने बताया कि उनके दोनों पैर पुआल ( इमारतों के काम में आनेवाली जंगली पेड़ की पीली लकड़ी) से बंधे थे और दोनों बच्चियों की आंखें फूटीं हुई थीं। इस घटना से पूरे गाँव में हलचल मच गयी। घटना की जानकारी पुलिस को रात को ही दे दी गयी थी और शवों को पोस्टर्माटम के लिए भी भेज दिया गया था। हालांकि, एसपी प्रशांत वर्मा का कहना है कि सिंघाड़ा तोड़ते समय दोनों बच्चियों की डूबने से मौत हुई है। आँखों में बस हल्की से खरोंच है और हत्या जैसी कोई बात नहीं है। फिलहाल अभी पोस्टर्माटम की रिपोर्ट नहीं आयी है और मामले को लेकर जांच ज़ारी है। 

यहां पुलिस द्वारा हत्या और गैंगरेप को पूरी तरह नकार देना समझ नहीं आता क्यूंकि न तो मामले की पूरी तरह से जांच खत्म हुई है और ना ही पोस्टर्माटम की रिपोर्ट आयी है। जिन लोगों ने दोनों बच्चियों के शव को देखा था उन्होंने बच्चियों के आँखों के फूटे होने की पुष्टि की थी। और अगर तालाब में डूबने से दोनों की मौत हुई है तो दोनों के पैरों को किसने बाँधा ? यहां सवाल तो कई है लेकिन पुलिस यहां मामले को साधारण सी घटना की तरह टालने की कोशिश करते हुए दिख रही है। 

यूपी में हुए ये दोनों बलात्कार की घटनाएं कोई नई नहीं है बल्कि अब तो यह राज्य के लिए बहुत ही आम घटना हो गयी है। पिछले दिनों यूपी बलात्कार के मामलों में काफी चर्चे में था। यूपी के मुख्यमंत्री द्वारा हाथरस सामूहिक बलात्कार के बाद यह वादा भी किया गया था कि राज्य को महिलाओं और बच्चियों के लिए सुरक्षित बनाया जाएगा। लेकिन लगातार होती बलात्कार की ये घटनाएं तो सिर्फ इस तरफ इशारा करती है कि आरोपियों को अब राज्य में किसी भी तरह का डर नहीं है। यहां तक यूपी को महिलाओं के रहने के लिए सबसे असुरक्षित राज्य भी घोषित किया गया है। क्या पीड़िता के परिवार वालों को कुछ आर्थिक मदद देकर लगातार होती बलात्कार की घटनाओं को रोका जा सकता है ? क्या सरकार के वादें और नियम कारगार दिख रहे हैं? हर घटना के बाद बस परिवार वालों को संवेदना दे दी जाती है लेकिन इंसाफ और आरोपियों को सज़ा नहीं दी जाती। आखिर कब तक सरकार बस संवेदनाएं जताती रहेगी?