जिला बांदा| नरैनी ब्लाक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गुढा़कला में स्थित बागै नदी पर लघु डाल सिंचाई विभाग द्वारा करो रुपए की लागत पर गुढ़ा पम्प कैनाल की स्थापना 1980 में करोणों रूपये की लागत से की गई थी|जो लगभग 11 किलोमीटर के दायरे में है जिसमें इससे लगभग दर्जनों गांव के किसानों की करीब 30 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होती है|
लेकिन देखरेख के अभाव में आए दिन यह नहर ध्वस्त पड़ी रहती है और किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता जिससे उनकी फसल बुवाई में भारी प्रभाव पड़ता है| गुढा़ कला गांव के किसान बताते हैं कि इस कैनाल से बसराही अमोल का पुरवा गन्नेशन पुरवा जोगियन पुरवा गहबरा नौगवां सहित दर्जनों गांव इस माइनर के सहारे अपने खेतों की सिंचाई करते हैं| पर परियोजना में 4 में से हे पंप चालू है| बाकी के पंप बंद पड़े रहते हैं या खराब ही पड़े रहते हैं अगर पूरे पंप चालू कर दिए जाएं तो पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगी दूसरी बात जगह-जगह नहीं फटी हुई है और टूटी है जिसके चलते सी पिक भी बहुत होता है और सीबीज के चलते किसानों के खेतों में पानी भर जाता है इसके कारण वह अपनी बुराई नहीं कर पाते और हजारों बीघा जमीन पर पड़ी हुई है|
किसानों का यह भी कहना है कि बहुत शिकायतों और बातचीत के बाद अभी सिंचाई विभाग ने नहर की सफाई करवाई है जिसमें भी खानापूर्ति की गई है नहर के अगल-बगल जमा चारा खिला दिया गया है और हर साल यही होता है जबकि मरम्मत के लिए भी लाखों रुपए आता है लेकिन ठीक से ना तो सफाई करवाई जाती है और ना ही इसकी मरम्मत करवाई जा रही है काफी पुरानी नहर है इसलिए हमेशा टूटती रहती है और पंप खराब होते रहते हैं वह लोग चाहते हैं |
कि नहर की पिच अच्छे से करवा कर मरम्मत करवा दी जाए जिससे किसानों को पर्याप्त पानी मिलने लगे और इसके लिए उन्होंने सिंचाई विभाग से लेकर संसद तक शिकायत की है| सिंचाई विभाग अधिकारी का कहना है कि काफी पुरानी नहर है उसके लिए सांसद ने भी उनसे बातचीत की थी और बैठक की थी और जल्द ही वे उस नहर को बनवाने का प्रयास करेंगे अभी फिलहाल वहां की सफाई करवा दी गई है और जहां पर पटरी टूटी थी जो भी खराबी थी उसको सही कराया गया है जिससे किसानों को पानी मिल रहा है लेकिन आगे हो उसको एक नई परियोजना के तहत मरम्मत करवाने का काम करेंगे और इसके लिए शासन स्तर को प्रस्ताव भेजेंगे |