जिला बांदा ग्राम विकास के अंतर्गत प्रदेश सरकार हर ग्राम पंचायत में डिजिटल मिनी सचिवालय स्थापित करने पर जोर दे रही है| जनपद में वित्तीय वर्ष 2020 21 में 150 नए मिनी सचिवालय बनाकर उसमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है| इन मिनी सचिवालय को बनवाने का मेन उद्देश्य है कि संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों को अधिकतर जानकारियां और किसी भी प्रमाण पत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा| उनको उन्हीं मिनी सचिवालय से वह जानकारी और प्रमाण पत्र प्राप्त हो सकेंगे |
मिनी सचिवालय में प्रधान सचिव और लेखा-जोखा रखने के अलग-अलग कच्छ होंगे और जनता के बैठ ने के लिए एक बड़ा सा हॉल बनेगा| जिसमें जनसेवा केन्द्र तथा कॉमन सर्विस सेंटर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध रहेगीं| इन सब सुविधाओं के होने पर किसानों व अन्य लोगों को खेती से संबंधित कागजात निकलाने और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र जैसी महत्वपूर्ण चीजें बनवाने के लिए दूर शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा| साथ ही ऑनलाइन सिस्टम रहेगा तो ग्रामीण लोग अपनी शिकायत भी उच्च अधिकारियों से कर सकेंगे |
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जनपद बांदा के 8 ब्लाकों में 471 ग्राम पंचायतें हैं. इनमें से लगभग 50 ग्राम पंचायतों में सचिवालय बने हुए हैं| लेकिन बहुत से सचिवालय इनमें से जर्जर हैं और कुछ ठीक भी है. लेकिन उनमें सुविधाएं नहीं है| ऐसे सभी सचिवालय डिजिटल मिनी सचिवालय होंगे और इनमें से 102 सचिवालय पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है |
ग्रामणी के सुविधा के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग दिख रहा है
इस उद्देश्य पर पुराने सचिवालय खडा़ कर रहे सवाल
ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय का कार्य शासन की मंशा के अनुसार शुरू तो करा दिया गया है और इन सचिवालय को डिजिटल बताया जा रहा है| यहां पर जन सेवा केंद्र भी होंगे और लोगों को सुविधाएं भी भरपूर मिलेंगे यह कहा जा रहा है| लेकिन सवाल यह उठता है कि जहाँ बड़ी संख्या में पहले भी इसी उद्देश्य के साथ सचिवालय बनाए गये थे कि ग्रामीण लोगों को भटकना न पडे. लेकिन आज तक उन सचिवालय से ग्रामीणों का सपना पूरा नहीं हो सका| वह उसी तरह भटक रहे हैं ,तो क्या इन मिनी सचिवालय से लोगों का सपना पूरा होगा या यह भी बनने के बाद उसी तरह बिरान पड़े रहेंगे |
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